भीषण गर्मी से चिड़ियाघर के जानवर भी परेशान; दर्शक आधे घटे, लगाए गए कई कूलर
पटना। बिहार का तापमान दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। गर्म पछुआ हवा के साथ लहर और लू की स्थिति राज्य के ज्यादातर जिलों में देखी जा रही है। सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक घर से बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में जहां आम लोग परेशान है तो जानवरों की स्थिति भी खराब हो चुकी है। पटना के चिड़ियाघर संजय गांधी जैविक उद्यान में जानवरों को गर्मी से बचने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है तो वही दर्शकों की संख्या भी में भी काफी गिरावट आ चुकी है। गर्मी के कारण चिड़ियाघर में बहुत कम लोग पहुंच रहे हैं। जानवर भी गर्मी से बचने के लिए बाहर नहीं निकल रहे हैं। संजय गांधी जैविक उद्यान के डिप्टी डायरेक्टर ने बताया कि तापमान में ज्यादा वृद्धि हो रही है उसको देखते हुए हम लोग सबसे पहले जानवरों को बचाने और किसी प्रकार की उसे गर्मी से बीमारी ना हो इसके लिए विशेष व्यवस्था कर रहे हैं। चिड़िया घर में करीब 1100 जानवर है जो कूल 90 वैराइटीज के पशु पक्षी हैं। इनमें अधिकतर पशु पक्षियों को गर्मी से परेशानी होती है। सबसे ज्यादा परेशानी चिंपांजी और काला बंदर को होता है। इनके खान-पान में पूरी तरह बदलाव कर दिया गया है। चिंपांजी और काला बंदर को दही भात, नारियल पानी, तरबूज जैसे खाद्य पदार्थ दिए जा रहे हैं।
जानवरों के पास रखा गया है कूलर
शेर, बाघ, तेंदुआ इन सब जानवरों को भोजन में कमी कर दी गई है। जैसे कोई जानवर को 12 किलो मांस दिया जा रहा है तो उन्हें घटाकर 8 या 9 किलो कर दिया गया है। साथी सभी जानवरों के पास एक-एक कूलर रखा गया है। जो 24 घंटे चालू रहते हैं। जो भी जानवर गर्मी महसूस करते हैं वह कुलर के पास चले आते हैं। चिड़िया को भी गर्मी बर्दाश्त नहीं होती है तो कुछ ऐसी चिड़ियां हैं, जिनको फॉगिंग की व्यवस्था की गई है। जिसमें झरना की तरह पानी गिरते हैं और उनसे ठंडी हवा निकलती है जिससे चिड़िया को राहत मिल रही है। कुछ ऐसी चिड़िया हैं। जिन पर हमेशा जू कर्मी पानी का छिड़काव करते हैं।
पहले 7-8 हजार दर्शक आते थे जू
चिड़ियाघर में रोजाना 7 से 8 हजार दर्शक पहुंचाते हैं लेकिन अभी अधिकतम ढाई से तीन हजार दर्शक ही पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह बड़ी बात है कि इतनी गर्मी में भी चिड़िया घर में लोग आना पसंद कर रहे हैं। यही वजह है कि हम लोग उत्साहित होकर जानवरों का रख रखाव पर विशेष ध्यान देते हैं। किसी भी जानवर को लू न लगे या डिहाईड्रेशन का शिकार ना हो इन सब का विशेष ख्याल रखा जाता है।