February 5, 2025

बहुचर्चित खुशी अपहरण कांड: सीबीआई तथा मुजफ्फरपुर एसएसपी के खिलाफ अवमानना वाद दायर,आंखें पथरा गई परिजनों की

  • पटना उच्च न्यायालय के आदेश पर डेढ़ वर्षो से जांच कर रही है सीबीआई नतीजा अब तक शून्य
  • बेहद विवादित तथा संदिग्ध रही है मुजफ्फरपुर पुलिस की भूमिका इस अपहरण कांड में
  • पटना उच्च न्यायालय के अधिवक्ता ओमप्रकाश ने दायर कर रखी याचिका

मुजफ्फरपुर/पटना। मुजफ्फरपुर के बहुत चर्चित खुशी अपहरण कांड में सीबीआई के हाथ भी अब तक नाकामी ही लगी है।बिहार पुलिस तो पहले से खुशी अपहरण कांड में बुरी तरह से फेल साबित हुई।वहीं दूसरी तरफ पटना उच्च न्यायालय के आदेश पर सीबीआई ने इस केस को अपने हाथों में लिया।मगर 3 वर्ष बीत जाने के उपरांत अब तक खुशी के परिजनों को किसी प्रकार का सुराग हासिल नहीं हुआ।बता दें कि मुजफ्फरपुर की ही बेटी नवरुणा कांड में बिहार पुलिस तथा सीबीआई पहले से नाकाम साबित हो चुकी है।अब मुजफ्फरपुर की दूसरी बेटी खुशी अपहरण कांड में सीबीआई जांच की क्या गति होती है। यह देखने वाली बात होगी।फिलहाल सीबीआई के द्वारा इस मामले में टाल-मटोल रवैया अपनाने को लेकर खुशी अपहरण कांड में पटना उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करने वाले अधिवक्ता ओम प्रकाश ने फिर से एक अवमानना वाद दायर किया है। जिसे परिजनों की आस एक बार फिर से जगी है।
ज्ञातव्य हो की मुजफरपुर जिला के 6 वर्षीय खुशी का अपहरण फरवरी 2021 में हुआ था।जिसका अनुसंधान बिहार पुलिस कर रही थी।लेकिन अनुसंधान ठीक नही होने के कारण अपहरण कांड की जांच का जिम्मा पटना हाईकोर्ट ने 5 दिसंबर 2022 को मुजफ्फरपुर पुलिस से लेकर सीबीआई को सौंपा था। इस मामले में एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सीबीआई को आदेश दिया था कि प्राथमिकता के आधार पर इस केस का अनुसंधान करेंगे।लेकिन 15 महीना के बाद भी कोई नतीजा पर सीबीआई नही दे पायी।वही दूसरी तरफ कोर्ट ने मुज़फ़्फ़रपुर के एसएसपी को को भी आदेश दिया था कि इस कांड में जितने भी अनुसंधानकर्ता एवं जांच अधिकारी रहे है।सबको चिन्हित कर कर्तव्य विहीनता के आधार पर उचित कारवाई करें।लेकिन एसएसपी ने कोर्ट के आदेश का अनुपालन नही किया।जिसको अनुपालन करवाने के लिए अधिवक्ता ओम प्रकाश कुमार ने हाइकोर्ट में अवमन्नावाद दायर किया। विदित हो कि मुजफरपुर जिला के ब्रम्हपुरा थाना क्षेत्र के परमरिया टोला के राजन साह के 6 वर्षीय पुत्री खुशी का अपहरण उसके घर के सामने से ही 16 फरवरी 2021 कर लिया गया था, जिसके संबंध में ब्रहमपुरा थाना में अपहरण को कांड दर्ज करवाया गया था। खुशी को ढूँढने के लिए खुशी के पिता राजन साह ने अथक प्रयास किया था लेकिन नहीं मिला पुलिस प्रशासन का भी दरवाजा खटखटाया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। जिसके बाद खुशी के पिता ने पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता ओम प्रकाश कुमार से सम्पर्क किया जिसके बाद अधिवक्ता ने अपहृत खुशी को खोजबीन एवं स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा निक्ष्यक्ष जॉच के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर किया था। हाईकोर्ट में मुजफरपुर के वरीय पुलिस अधीक्षक द्वारा कई प्रतिशपथ पत्र दायर किया गया जिसमें कोर्ट को आश्वासन दिया जा रहा था कि जल्द ही पुलिस अपहृत खुशी को खोज लेगी लेकिन तब तक अपहरण का लगभग 24 माह बीत चुका था।

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