पटना जंक्शन पर लागू होगी नई व्यवस्था, बिना टिकट यात्रियों की एंट्री पर रोक

पटना। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हाल में हुई भगदड़ की दर्दनाक घटना, जिसमें 18 लोगों की मौत हो गई थी, ने रेलवे को अपनी सुरक्षा व्यवस्था और भीड़ प्रबंधन प्रणाली को मजबूत करने के लिए प्रेरित किया है। इसी दिशा में अब पटना जंक्शन पर एक नई व्यवस्था लागू की जा रही है, जिसका मकसद स्टेशन परिसर में भीड़ को नियंत्रित करना और यात्रियों की सुरक्षा को बेहतर बनाना है।
केवल कंफर्म टिकट धारकों को प्रवेश की अनुमति
रेलवे की इस नई योजना के अनुसार, अब पटना जंक्शन पर सिर्फ उन्हीं यात्रियों को स्टेशन के अंदर प्रवेश की अनुमति होगी जिनके पास कंफर्म टिकट होंगे। प्रतीक्षा सूची में शामिल या बिना टिकट यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर जाने नहीं दिया जाएगा। उन्हें स्टेशन परिसर में बने वेटिंग एरिया में रुकना होगा। इससे प्लेटफॉर्म पर अनावश्यक भीड़ नहीं होगी और लोगों को अधिक सुरक्षित एवं आरामदायक यात्रा का अनुभव मिल सकेगा।
एक्सेस कंट्रोल सिस्टम का होगा कार्यान्वयन
पटना जंक्शन पर जो व्यवस्था लागू की जा रही है, उसे ‘एक्सेस कंट्रोल सिस्टम’ कहा जाता है। यह सिस्टम एक तरह का सुरक्षा घेरा तैयार करेगा, जहां हर यात्री की टिकट की जांच होगी और केवल अधिकृत यात्रियों को ही स्टेशन परिसर में प्रवेश दिया जाएगा। इस सिस्टम के तहत स्टेशन के प्रवेश द्वारों पर सुरक्षा बल तैनात रहेंगे और बिना टिकट वाले किसी भी व्यक्ति को भीतर नहीं जाने दिया जाएगा।
देश के 60 प्रमुख स्टेशनों पर लागू होगी योजना
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की अध्यक्षता में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि पटना जंक्शन समेत देश के 60 प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर यह एक्सेस कंट्रोल सिस्टम लागू किया जाएगा। इस व्यवस्था का उद्देश्य न केवल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, बल्कि स्टेशन के परिचालन को भी अधिक सुव्यवस्थित बनाना है।
स्थायी वेटिंग एरिया की होगी व्यवस्था
नई व्यवस्था के तहत वेटिंग एरिया को और अधिक व्यवस्थित और स्थायी रूप से विकसित किया जाएगा ताकि प्रतीक्षा सूची में शामिल यात्रियों और उनके परिजनों को बैठने की उचित व्यवस्था मिल सके। इससे न केवल प्लेटफॉर्म पर भीड़ कम होगी, बल्कि यात्रियों को सुविधाजनक माहौल भी मिलेगा।
सुरक्षा और संचालन में सुधार की दिशा में कदम
पटना जंक्शन पर लागू किया जा रहा यह एक्सेस कंट्रोल सिस्टम दरअसल रेलवे की एक पायलट परियोजना का हिस्सा है, जिसे आगे चलकर और विस्तारित किया जा सकता है। इसका उद्देश्य स्टेशन की सुरक्षा और परिचालन दक्षता दोनों में सुधार लाना है। इस नई व्यवस्था के तहत रेलवे स्टेशनों पर अनुशासन और नियंत्रण बढ़ेगा, जिससे यात्रियों को बेहतर यात्रा अनुभव मिलेगा। इस नई पहल से यह साफ है कि रेलवे अब यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए गंभीर कदम उठा रहा है। अगर यह व्यवस्था सफल रही, तो भविष्य में अन्य छोटे और मध्यम स्टेशनों पर भी इसे लागू किया जा सकता है।
