January 30, 2025

पटना में मौनी अमावस्या पर गंगा में डूबने से युवक की मौत, शव की तलाश जारी

पटना। बिहार की राजधानी पटना के समीप मोकामा में मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर गंगा स्नान के दौरान एक युवक की डूबने से मौत हो गई। इस घटना के बाद पूरे इलाके में मातम पसर गया है। जैसे ही यह खबर युवक के परिवार वालों को मिली, घर में कोहराम मच गया। पुलिस प्रशासन को घटना की सूचना दी गई, जिसके बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई और राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिया गया। मौनी अमावस्या के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए घाटों पर उमड़े थे। इसी दौरान मोकामा के मोर गंगा घाट पर स्नान कर रहा एक युवक गहरे पानी में चला गया और डूब गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन वह पानी की तेज धारा में बह गया। मृतक की पहचान मोकामा के मोर पंचायत स्थित सुल्तानपुर गांव निवासी हरिकान्त शर्मा (भोला) के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि घटना सुबह 9 बजे के आसपास की है। जैसे ही यह खबर फैली, घाट पर मौजूद अन्य श्रद्धालु भी स्तब्ध रह गए और स्थानीय लोगों में हड़कंप मच गया। युवक के डूबने की खबर मिलते ही स्थानीय प्रशासन और गोताखोरों की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और तलाश अभियान शुरू कर दिया। हालांकि, युवक का शव बरामद नहीं हो सका था। स्थानीय लोग और प्रशासन मिलकर युवक की तलाश में जुटे हुए हैं। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। ग्रामीणों के अनुसार, हरिकान्त (भोला) अपने परिवार का बड़ा बेटा था और घर की आर्थिक स्थिति भी सामान्य थी। उनकी अचानक मौत से परिवार पर गहरा दुख आ पड़ा है। मौनी अमावस्या का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस अवसर पर श्रद्धालु गंगा स्नान कर पुण्य अर्जित करने की मान्यता रखते हैं। मोकामा के गंगा घाटों पर भी हजारों श्रद्धालु पहुंचे थे। इसी भीड़ के बीच यह हादसा हुआ, जिससे घाट पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। हर साल गंगा स्नान के दौरान इस तरह की घटनाएं सामने आती हैं, बावजूद इसके पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था नहीं होती। इस घटना के बाद प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं कि आखिर क्यों घाटों पर पर्याप्त लाइफ गार्ड और गोताखोरों की टीम तैनात नहीं की गई थी। मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान के दौरान हुई इस दुखद घटना ने एक परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। प्रशासन द्वारा राहत एवं बचाव कार्य जारी है, लेकिन इस हादसे ने एक बार फिर सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरियों को उजागर किया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि घाट पर पहले से गोताखोर तैनात होते, तो शायद युवक की जान बचाई जा सकती थी।

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