यशस्वी भव ट्रस्ट का गुरु पूर्णिमा महोत्सव 2024 संपन्न,डॉ श्रीपति त्रिपाठी ने ट्रांस जेंडरों को पौधा देकर धरती बचाने का किया आह्वान  

 >>एकल होते समाज में गुरू की भूमिका महत्वपूर्ण: डॉ श्रीपति त्रिपाठी* 

 

>>देवताओं को भी पसंद हैं वृक्ष एक वर्ष में कम से कम पांच पेड़ जरूर लगाएं: डॉ श्रीपति त्रिपाठी* 

>>वैदिक संस्कृति से ही आएगा समाज में बदलाव: गुरु रहमान* 

 

 

 

पटना। यशस्वी भव ट्रस्ट द्वारा पटना के दरोगा राय ट्रस्ट भवन में गुरु पूर्णिमा महोत्सव 2024 का सफल आयोजन किया गया। इस वर्ष आयोजन का थीम पर्यावरण संरक्षण रखा गया था। कार्यक्रम का प्रारंभ शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चार के साथ वृक्षारोपण कर किया गया । इसके बाद इष्ट देव की पूजा कर जनकल्याण की प्रार्थना की गई। देव पूजनोपरांत गुरु पूजन का आयोजन किया गया। इस आयोजन में मंत्रोच्चार की करतर ध्वनि ने वातावरण को भक्तिमय कर दिया। गुरु रु पूजन के दौरान प्रख्यात आध्यात्मिक गुरु और प्रसिद्ध ज्योतिर्विद डॉ श्रीपति त्रिपाठी ने देश- विदेश से आए अपने शिष्यों को आशीर्वाद दिया और जगत कल्याण की कामना की। डॉ श्रीपति त्रिपाठी ने अपने संबोधन में कहा कि शास्त्रों में गुरु के महत्व को बताते हुए यह कहा गया है कि गुरु बिना ठोर नहीं मिलता है। आज के इस युग में जब हम मन से अकेले होते जा रहे हैं एक अच्छे- गुरु की जरूरत बढ़ जाती है। गुरु जो आपका मार्गदर्शन तो करें ही दुःख की घड़ी में आपके साथ खड़ा भी हो।

 

*ट्रांस जेंडरों को पौधा देकर हरिति भारत का संकल्प*

 

इस मौके पर ट्रांस जेंडर समुदाय के लोगों को चंदन, रुद्राक्ष और आंवला के पौधे आशिर्वाद स्वरूप देकर हरित भारत अभियान की शुरुआत भी की गई। हरित भारत अभियान के बारे में डॉ श्रीपति त्रिपाठी जी ने कहा कि हमारी संस्था यशस्वी भव ने इस वर्ष पर्यावरण संरक्षण का थीम इस गुरु पूर्णिमा महोत्सव के लिए चुना है। आज हम जलवायु परिवर्तन का सामना कर रहे हैं। मौसम का मिजाज बदल रहा है। अतिवृष्टि और अनावृष्टि ने हमारे फसल चक्र को बदल दिया है। पशु पक्षियों की कई नस्लें गायब हो गई है। ऐसे में हम इंसान अगर नहीं चेते तो हमारे जीवन पर भी संकट है। डॉ श्रीपति त्रिपाठी ने कहा कि वृक्ष देवताओं को भी पसंद है। कृष्ण और कदंब के वृक्ष प्रेम पर कई कविताएं भी हैं।। उन्होंने हर व्यक्ति से एक साल में कम से कम 5 पेड़ जरूर लगाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ट्रांस जेंडर समुदाय को सम्मान की नजर से देखने की जरूरत है वो भी हमारे समाज के अंग है। वो हमसे भी पावन हैं इस कारण हमने हरित भारत अभियान के लिए इन्हें चुना है और गुरु पूर्णिमा महोत्सव के पवित्र मंच पर इन्हें पौधा देकर इस अभियान की शुरुआत की है।

 

डॉ श्रीपति त्रिपाठी ने कार्यक्रम के आयोजन के लिए अपने शिष्यों, श्रद्धालुओं, अतिथियों और आयोजन समिति का अभार भी जताया। सभी विशिष्ट जनों और श्रद्धालुओं को अंगवस्त्र, पौधा एवं स्मृति चिन्ह आशिर्वाद स्वरूप दिया गया।

*बचपन से ही गुरु की जरूरत: गुरू माता डॉ मनीषा*

कार्यक्रम में गुरू के महत्व पर प्रकाश डालते हुए गुरू माता डॉ मनीषा ने कहा कि गुरु की जरूरत तो बच्चे के जन्म से ही प्रारंभ हो जाती है। बचपन में मां बच्चे की प्रथम गुरु बनती है। आगे चलकर शिक्षक और फिर आध्यात्मिक गुरु की जरूरत जीवन में प्रकाश भरने के लिए होती है।‌

 

 

*वैदिक संस्कृति से आएगा बदलाव: गुरु रहमान*

 

इस मौके पर पूर्व सांसद डॉ रामकृपाल यादव भी मौजूद रहे। डॉ रामकृपाल यादव को अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया वहीं कार्यक्रम में बोलते हुए शिक्षाविद गुरु रहमान ने कहा कि भारत की संस्कृतियों काफी महान है। यहां की गुरु शिष्य परंपरा बेमिसाल है। समाज में बदलाव गुरु वैदिक संस्कृति से ही आएगा।

 

 

*सांस्कृतिक कार्यक्रम में हुई भजनों की प्रस्तुति*

 

कार्यक्रम के अगले भाग में सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत भजन और भक्ति गीतों की प्रस्तुति हुई। भोजपुरी के प्रसिद्ध गायक छोटू छलिया और उनकी टीम ने भक्ति गीतों से समां बांध दिया। श्रोता देर शाम तक भक्ति गीतों में गोता लगाते रहे।

 

*भंडारे का भी आयोजन*

 

गुरु पूर्णिमा महोत्सव में एक विशाल भंडारे का आयोजन भी किया गया।

 

*इनकी रही उपस्थित*

इस कार्यक्रम में देश भर के महत्वपूर्ण विभागों से जुड़े विशिष्ट लोगों और श्रद्धालुओं के साथ साथ पड़ोसी देश नेपाल के श्रद्धालु भी शामिल हुए।

कार्यक्रम को सफल बनाने में वरिष्ठ पत्रकार अमिताभ कुमार ओझा, विवेक चंद्र, आई सेक्टर के प्रमुख व्यवसाई राकेश कुमार, वीपिन कुमार, शैलेश तिवारी आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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