February 24, 2025

यक्ष प्रश्न-पटना-मुजफ्फरपुर मुख्य मार्ग ‘ललन सिंह ढाबा में परोसी जाती थी शराब’ क्या कर रहा था उत्पाद विभाग?

पटना।(बन बिहारी)प्रदेश की राजधानी पटना से जब आप उत्तर बिहार की राजधानी मुजफ्फरपुर के लिए प्रस्थान करेंगे,तो पटना-मुजफ्फरपुर मुख्य मार्ग में सराय के पास मिलेगा ललन सिंह ढाबा।बहुत ही पुराना ढाबा है।अधिकांश लोग उस ढाबे के भोजन के स्वाद से परिचित जरूर होंगे।बिहार में शराबबंदी लागू किए लगभग 4 वर्ष होने को है।शराबबंदी की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पटना-मुजफ्फरपुर मुख्य मार्ग में अवस्थित ललन सिंह ढाबा में अब भी शौकीनों को शराब परोसा जाता था।सराय थाना से मात्र आधा किमी की दूरी पर अवस्थित है ललन सिंह ढाबा। कब से यह सिलसिला चल रहा था या तो संचालक ही बता पाएंगे।मगर कल प्रदेश के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे के निर्देश के बाद की गई छापेमारी से ललन सिंह ढाबा में चलने वाले इस अवैध शराब के कारोबार का पर्दाफाश हुआ।चर्चा इस बात की है कि ललन सिंह ढाबा के संचालक किसी आईपीएस अधिकारी के रिश्तेदार हैं।जिस कारण अब तक पुलिस उन पर हाथ नहीं डाल सकी।कल डीजीपी के आदेश पर छापामारी हुई।बड़ी मात्रा में शराब समेत 7 लोग पकड़े गए।पकड़े गए लोगों को थाना लाया गया।डीजीपी स्वयं थाना पहुंच गए, तथ्यों से अवगत होने के लिए।मगर एक घंटा तक थाने में टिके रहने के बावजूद जिले के एसपी-डीएसपी तो आ गए।मगर थानेदार नहीं पहुंचे।दबी जुबान में स्थानीय पुलिसकर्मियों ने ही बताया कि थानेदार रंजीत महतो भी इस काले कारोबार में भागीदार था।पटना-मुजफ्फरपुर मुख्य मार्ग में अवस्थित एक ढाबा कम रेस्टोरेंट में शराब की अवैध बिक्री बदस्तूर जारी रहती है।बकायदा शौकीनों को ढाबा में बैठाकर शराब परोसा भी जाता है।मगर वैशाली अथवा मुजफ्फरपुर की पूरी पुलिस-प्रशासन,बिहार सरकार का पूरा उत्पाद एवं मद्य निषेध महकमा कानों में तेल डालकर सोया रहता है।कार्रवाई तब होती है।जब प्रदेश पुलिस के डीजीपी खुद एक्शन मोड में आते हैं। आखिरकार ललन सिंह ढाबा में पुलिस ने कार्रवाई तो किया।मगर प्रश्न यह उठता है कि इतने दिनों से मुख्य मार्ग पर शराब परोसा जा रहा था तो प्रशासन तथा उत्पाद विभाग कर क्या रहा था?

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