December 27, 2024

PATNA : चित्रगुप्त सामाजिक संस्थान के स्वर्ण जयंती वर्ष पर 51 कलमजीवियों को मिला सम्मान

  • समाज के प्लेटफार्म का उपयोग निजी स्वार्थ व राजनैतिक विरासत को बढ़ाने के लिए करना गलत : सांसद रविशंकर प्रसाद

पटनासिटी। सामाजिक सांस्कृतिक संस्था चित्रगुप्त सामाजिक संस्थान के स्वर्ण जयंती वर्ष पर आज भगवान चित्रगुप्त पूजनोत्सव की पूर्व संध्या पर सांस्कृतिक संध्या सह सम्मान समारोह का आयोजन गिरिराज उत्सव पैलेस में किया गया। समारोह का उद्घाटन पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद रविशंकर प्रसाद ने दीप प्रज्वलित कर किया। समारोह की अध्यक्षता ख्यातिप्राप्त चिकित्सक पद्मश्री डॉक्टर गोपाल प्रसाद सिन्हा ने की। कार्यक्रम का संचालन कमलनयन श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर प्रकाशित ‘कलमजीवी’ पत्रिका के स्वर्ण जयंती अंक का लोकार्पण बिहार हिंदी प्रगति समिति के अध्यक्ष कविवर सत्यनारायण ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ पार्श्व गायिका सृष्टि सिन्हा द्वारा प्रस्तुत चित्रगुप्त वंदना से हुआ। अपने उद्घाटन भाषण में पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि समाज और राष्ट्र के नवनिर्माण में कलमजीवियों का महत्वपूर्ण योगदान है। राजनैतिक क्षेत्र हो या सामाजिक, आध्यात्मिक क्षेत्र हो या साहित्यिक हर क्षेत्र में चित्रांश आगे रहे हैं और इसी को आगे बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि समाज के प्लेटफार्म का उपयोग निजी स्वार्थ व राजनैतिक विरासत को बढ़ाने के लिए करना गलत है। बिहार राज्य गीत के रचयिता कविवर सत्यनारायण ने संस्था के 50 वर्ष पूरे होने पर संस्था से जुड़े सभी लोगों को बधाई व शुभकामना दी और संस्था के निरंतर गतिशील रहने की कामना भी की। महापौर सीता साहू ने संस्था के उज्जवल भविष्य की कामना की। अपने अध्यक्षीय संबोधन में डॉ. गोपाल प्रसाद सिन्हा ने कहा कि सरकार द्वारा घोषित जातीय गणना में कायस्थ समाज के लोगों की जो संख्या बताई गई है, उससे कायस्थ समाज की बची खुची उम्मीद पर भी पानी फिर गया है। इसके बाद नेताओं का यह कहना ‘जितनी जिनकी आबादी, उतनी सत्ता हिस्सेदारी’ देने की बात से कायस्थ समाज को नौकरी तो नहीं मिलती और अब उन्हें राजनीति से भी वंचित होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कायस्थ समाज ने समाज और राष्ट्र को नई व रचनात्मक दिशा दी है लेकिन आज यह समाज हसिए पर है। पूर्व मंत्री और विधायक नंद किशोर यादव ने संस्था की गतिविधियों की प्रशंसा की।

साथ ही कहा कि मैंने चित्रांशो के सहयोग से बिहार का विकास करने में सफल रहा। हम रहें या नहीं रहें संस्था को जीवित रहना चाहिए। सम्मान पाने वाले अन्य लोगों में डॉक्टर संजीव सिन्हा को प्रधान ज्वाला प्रसाद सम्मान, डॉक्टर संगीता सिन्हा को प्रोफेसर इंदिरा सिन्हा सम्मान, डॉ. किरण घई सिन्हा को डॉ. शैलेंद्र नाथ श्रीवास्तव सम्मान, कमल किशोर वर्मा को डॉक्टर हरिवंश राय बच्चन सम्मान, कवयित्री अमृता सिन्हा को गीतकार गोपी वल्लभ सहाय सम्मान, डॉ. मीना सिन्हा को कृष्णा जमैयार सम्मान, आनंद बिहारी प्रसाद को रणधीर वर्मा सम्मान, प्रभात वर्मा को डॉक्टर दीनानाथ शरण सम्मान, अनिरुद्ध सिन्हा को डॉ. मुरलीधर श्रीवास्तव सम्मान, डॉ. रूबी भूषण को कविवर सुरेंद्र नाथ सक्सेना सम्मान, विभा रानी श्रीवास्तव को हिमांशु श्रीवास्तव सम्मान, डॉक्टर राजन कुमार को डॉक्टर स्वामी नंदन प्रसाद सम्मान, धामा वर्मा को राजू श्रीवास्तव सम्मान, प्रभात सिन्हा को गणेश शंकर विद्यार्थी सम्मान, सेवानिवृत न्यायमूर्ति हेमंत कुमार श्रीवास्तव को ठाकुर प्रसाद सम्मान, भैरव लाल दास को जटाशंकर दास सम्मान, डॉक्टर सेतु सिंह को डॉक्टर फनी भूषण प्रसाद सम्मान, त्रिलोकी प्रसाद वर्मा को कृष्णानंद सहाय सम्मान, विजय कुमार सिन्हा को अनिल कुमार सिन्हा सम्मान, राकेश रंजन को हरेंद्र कुमार सम्मान, अरुण कुमार श्रीवास्तव को कामेश चंद्र श्रीवास्तव सम्मान से सम्मानित किया गया। वही इस अवसर पर पार्श्व गायिका सृष्टि सिन्हा, राहुल श्रीवास्तव, सार्थक सक्सेना, कुमार पंकज सिन्हा, डॉ. आरती कुमारी व नृत्यांगना आशीना राज की प्रस्तुतियां सराही गई।

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