पटना में कृषि मंत्री ने विश्व मृदा दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम का किया उद्घाटन, बोले- मिट्टी जाँच के आधार पर उर्वरकों का करें संतुलित उपयोग
- विश्व मृदा दिवस के अवसर पर मिट्टी व पानी को बचाने का लिया गया संकल्प
पटना(अजीत)। बिहार सरकार में कृषि विभाग के मंत्री कुमार सर्वजीत द्वारा आज विश्व मृदा दिवस के अवसर पर कृषि विभाग की ओर से बामेती, पटना के सभागार में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया। वही इस वर्ष विश्व मृदा दिवस का थीम ‘मिट्टी और पानी, जीवन का स्रोत’ को आधार रखते हुए मनाया जा रहा है। विश्व मृदा दिवस, 2023 और इसके अभियान का मुख्य उद्देश्य टिकाऊ और जलवायु अनुकूल कृषि खाद्य प्रणालियों को प्राप्त करने में मिट्टी और पानी के बीच महत्व और संबंध के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। मंत्री कुमार सर्वजीत ने आगे कहा कि मिट्टी जांच के आधार पर ही किसान उर्वरकों का संतुलित रूप में उपयोग करें और कम लागत में अत्यधिक मुनाफा कमाए। मंत्री ने यह भी बताया गया कि मिट्टी जाँच कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य मृदा स्वास्थ्य कार्ड आधारित संतुलित उर्वरक प्रयोग एवं उर्वरक उपयोग क्षमता को बढावा देना, सभी कृषको को मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराना, स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कार्बनिक उर्वरक एवं जैव उर्वरक को शामिल करते हुए समेकित उर्वरता प्रबंधन को बढावा देना तथा डिजिटल स्वॉयल फर्टिलिटी मैप तैयार करना है। उन्होंने आगे कहा की आज समय की माँग है कि कम-से-कम लागत में अधिक-से-अधिक गुणवत्तायुक्त पैदावार हो, जिससे किसानों को अधिक आय प्राप्त हो सके। साथ ही पौधों के पोषण हेतु मृदा का स्वास्थ्य तथा पर्यावरण संतुलन बना रहे तथा किसानों एवं आम लोगों को मिट्टी के महत्त्व के बारे में जागरूक किया जाये। विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि वर्ष 2002 में अंतर्राष्ट्रीय मृदा विज्ञान संघ ने प्रत्येक वर्ष 5 दिसम्बर को विश्व मृदा दिवस मनाने की सिफारिश की थी। किसानों के द्वारा मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आधार पर उर्वरकों का प्रयोग किया जा रहा है, जिससे किसानों की संतुलित उर्वरकों के प्रयोग के प्रति रूचि बढ़ी है। उन्होंने आगे कहा की सभी कृषकों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराया जायेगा, ताकि वे मृदा स्वास्थ्य कार्ड की अनुशंसाओं के आलोक में अपने खेतों में लक्षित उपज प्राप्त करने हेतु संतुलित उर्वरक का प्रयोग कर सके। उन्होंने कहा कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड आधारित उर्वरकों एवं पोषक तत्वों के उपयोग से कम कृषि लागत में अच्छी उपज प्राप्त की जा सकती है। इसके साथ ही, कृषकों की आय में वृद्धि होगी तथा मिट्टी के सेहत में सुधार होगा। वही इस मौके पर निदेशक, उद्यान अभिषेक कुमार, अपर निदेशक (शष्य) धनंजयपति त्रिपाठी, संयुक्त निदेशक, मिट्टी जाँच प्रयोगशाला कृष्ण कांत झा, उप निदेशक (रसायन), मिट्टी जाँच विनय कुमार पाण्डेय तथा दोनों कृषि विश्वविद्यालयों के मृदा वैज्ञानिकगण के अतिरिक्त अन्य गणमान्य व्यक्ति एवं किसान उपस्थित थे।