PATNA : राबिया हत्याकांड मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग पर महिला संगठनों ने निकाला आक्रोश मार्च
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पटना । पटना के महिला संगठनों ने राबिया के लिए न्याय की मांग पर संयुक्त रूप से शनिवार को आक्रोश मार्च निकाला। मार्च की शुरुआत बुद्ध स्मृति पार्क से की गई। इसमें दर्जनों महिलाएं व लड़किया शामिल हुई। इससे पहले बुद्ध स्मृति पार्क में एक सभा का आयोजन किया गया।
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सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि जिस नृशंस तरीके से दिल्ली जिलाधिकारी कार्यालय में सिविल डिफेंस वालिंटियर की पद पर कार्यरत राबिया की हत्या की गई, यह मानवता के लिए बेहद शर्मनाक है। निजामुद्दीन उसके पति होने का दावा कर रहा है और उसके चरित्र पर शक करते हुए नफरत भरे अंदाज में हत्या करने की जिम्मेवारी लेते हुए आत्मसमर्पण भी किया है।
आखिरकार सवाल यह उठता है कि केवल शक की बिना पर पति को किसी महिला की इस तरह से हत्या करने का अधिकार किसने दे दिया? वह तलाक भी ले सकता था। लेकिन औरत को अपनी जागीर समझते हुए उससे उसे सदा के लिए खत्म करना अपना अधिकार समझ कर उसकी हत्या कर दी।
राबिया के शरीर पर जितने चाकू के निशान हैं और जिस तरीके से बर्बरता की गई है इसके तार कहीं न कहीं कार्यालय में चल रहे भ्रष्टाचार और वहां पड़े छापे से भी जुड़ते हैं क्योंकि लॉकर की चाभी राबिया के पास ही रहती थी। 26 अगस्त जिस दिन राबिया गायब हुई उसके दो दिन ही पहले वहां वहां छापा पड़ा था। उसका पति भी उसी कार्यालय में ही काम करता था।
इसीलिए यह केवल उसके पति का काम नहीं है बल्कि इसमें एक सरकारी गैर सरकारी गठजोड़ काम कर रहा है। जिसकी सीबीआई से जांच होनी जरूरी है। इसीलिए हम महिला संगठनों के लोग मांग करते हैं कि राबिया मामले की सीबीआई से जांच कराई जाए, स्पीडी ट्रायल चलाकर दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए, राबिया के परिवार को 10 लाख मुआवजा, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।
अगर दोषियों को सजा नहीं मिली तो इस तरह से हत्यारों का मन बढ़ेगा। बेटियां सुरक्षित नहीं रहेंगी कामकाजी महिलाएं कार्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर सवाल उठाने पर डरेंगीं, चुप रहेंगी। इसीलिए इसके खिलाफ जो पूरे देश में आंदोलन चल रहा है। हम उसके समर्थन में आज यहां से पटना की सड़कों पर मार्च कर रहे हैं आगे अगर मांगे पूरी नहीं हुई तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
इस मार्च का नेतृत्व प्रोफेसर भारती एस कुमार, ऐपवा से राज्य अध्यक्ष सरोज चौबे, एडवा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामपरी, सरिता पांडेय, सुनीता सिन्हा, संगीता श्रीवास्तव, अनुराधा सिंह, बिहार महिला समाज से शाइस्ता अंजुम व इमराना, एएसडब्ल्यूएफ से आसमा खातून व डेजी, ऑल इंडिया महिला सांस्कृतिक संगठन से अनामिका व इंदु कुमारी, मेक ए न्यू लाइफ फाउंडेशन से तबस्सुम अली व सुल्ताना, यूथ फॉर स्वराज से रागिनी व ऋतु, बिहार घरेलू कामगार यूनियन से शेहला, कोरस सांस्कृतिक टीम से समता राय संयुक्त रुप से कर रहीं थीं। इसके अलावा भी दर्जनों महिलाएं व लड़कियां मार्च में शामिल थीं।