नीतीश कुमार ने देशभर में महिला सशक्तिकरण रोल मॉडल पेश किया : भारती मेहता
- जातीय गणना व आरक्षण में हुई बढ़ोतरी के फायदे को जन-जन तक पहुंचाएगी महिला जदयू
- पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल भी कर चुकी है महिला सशक्तिकरण में नीतीश मॉडल की प्रशंसा
पटना। मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में जदयू महिला प्रकोष्ठ की ओर से संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया गया। वही इस दौरान जदयू महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष डॉ. भारती मेहता ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र मंक माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जो मॉडल पेश किया है, उसकी प्रशंसा पूरे देशभर में हो रही है। डॉ. भारती मेहता ने कहा कि देश की पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल भी नीतीश कुमार के नेतृत्व में हुए महिला सशक्तिकरण के कार्यों से प्रभावित हो चुकी है और उन्होंने ही कहा था कि महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में बिहार पूरे देश के लिए मिसाल है। डॉ. भारती मेहता ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार की बागडोर संभालते ही वर्ष 2006 में पंचायती राज संस्थाओं व वर्ष 2007 में नगर निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने का काम किया था। वर्ष 2006 से ही प्रारंभिक शिक्षक नियोजन में महिलाओं को 50 फ़ीसदी आरक्षण दिया जा रहा है। इतना ही नहीं, वर्ष 2016 से राज्य सरकार की सभी सरकारी नौकरियों 50 फीसदी व वर्ष 2013 से बिहार पुलिस में महिलाओं को 35 फ़ीसदी का आरक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि जीविका के माध्यम से एक करोड़ 30 लाख से अधिक महिलाओं को सशक्त किया गया है।
डॉ. भारती मेहता ने कहा कि महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य की सरकार विभिन्न योजनाएं चल रही है। उदाहरण के तौर पर हम देख सकते हैं कि बैंक सखी मॉडल, ग्रामीण बाजार, वित्तीय समावेश एवं कृषि उद्यमी योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को संबल बनाने का प्रयास जारी है। उन्होंने कहा कि सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना के माध्यम से महिला प्रत्याशियों को BPSC की प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर 50 हज़ार व UPSC की परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर एक लाख रुपए दी जाती है। डॉ. भारती मेहता ने भाजपा की मोदी सरकार पर निशान साधते हुए कहा कि महिलाओं के प्रति भाजपा का प्रेम केवल वोट बैंक की राजनीति का एक हिस्सा है। भाजपा यह बताएं कि वर्ष 2007 की चुनावी हलफनामा में आखिर कौन-सी मजबूरी के तहत नरेंद्र मोदी ने अपनी पत्नी का नाम लिखना मुनासिब नहीं समझा? वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में बात चर्चा में आने के बाद चुनावी पपत्र में पत्नी का नाम तो लिखा गया लेकिन उसमें उनका पता और पैन नंबर गायब था। उन्होंने पूछा कि भाजपा स्पष्ट करें की क्या देश के प्रधानमंत्री का अपनी पत्नी यशोदा बेन को सार्वजनिक रूप से एवं कागजी पर पपत्र में अस्वीकार करना नैतिक रूप से गलत है या नहीं तथा सनातन धर्म की मान्यता की विपरीत देश के प्रधानमंत्री का आचरण है कि नहीं?