पटना में नवविवाहित महिला ने शादी के 8 महीने बाद की आत्महत्या, डिप्रेशन में आकर उठाया कदम
पटना। पटना में सोमवार को एक 24 वर्षीय महिला ने आत्महत्या कर ली, जिससे क्षेत्र में सनसनी फैल गई। मृतका की पहचान सीतामढ़ी निवासी अंजली कुमारी के रूप में हुई है। अंजली की शादी आठ महीने पहले ही हुई थी, और वह पटना स्थित अपने ससुराल में रह रही थी। अंजली कुमारी का शव सोमवार को उनके ससुराल में पाया गया। प्राथमिक जानकारी के अनुसार, अंजली मानसिक तनाव या डिप्रेशन का सामना कर रही थी। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल भेज दिया है, लेकिन अब तक महिला के मायके वालों की ओर से कोई लिखित शिकायत नहीं दी गई है। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और प्रारंभिक जांच शुरू की। चूंकि इस मामले में अब तक कोई शिकायत या प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है, पुलिस ने इसे एक अप्राकृतिक मृत्यु (यूडी) का मामला मानकर दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों की पुष्टि की जा सकेगी। परिवार के कुछ सदस्यों और स्थानीय लोगों ने बताया कि अंजली पिछले कुछ समय से डिप्रेशन में थी। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि डिप्रेशन का कारण क्या था। पुलिस इस मामले में महिला के ससुराल पक्ष और मायके वालों से पूछताछ कर रही है ताकि आत्महत्या के पीछे की वजह का पता लगाया जा सके। घटना के बाद मृतका के परिवार की ओर से अभी तक कोई औपचारिक बयान नहीं आया है। यह स्थिति सामाजिक दबाव और पारिवारिक सम्मान के कारण हो सकती है। हालांकि, इस चुप्पी ने घटना के पीछे के संभावित कारणों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह मामला उस गंभीर समस्या को उजागर करता है, जिसमें शादी के बाद महिलाएं मानसिक दबाव, सामाजिक अपेक्षाओं और पारिवारिक तनाव का सामना करती हैं। कई बार ऐसी परिस्थितियों में महिलाएं अपनी समस्याओं को किसी से साझा नहीं कर पातीं, जो गंभीर परिणामों का कारण बनता है। पुलिस ने मृतका के परिजनों से अपील की है कि वे सामने आकर अपने बयान दें और इस मामले की जांच में सहयोग करें। इसके अलावा, पुलिस ने समाज के सभी वर्गों से भी अनुरोध किया है कि वे ऐसे मामलों में संवेदनशीलता दिखाएं और लोगों को मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूक करें। अंजली कुमारी की आत्महत्या एक दुखद घटना है, जो मानसिक स्वास्थ्य के प्रति समाज में जागरूकता की कमी को दर्शाती है। इस मामले की गहराई से जांच होनी चाहिए ताकि अगर किसी प्रकार का मानसिक या शारीरिक उत्पीड़न हुआ हो, तो दोषियों को सजा दी जा सके। साथ ही, यह घटना परिवार और समाज को महिलाओं की भावनात्मक और मानसिक स्थिति को बेहतर तरीके से समझने और समर्थन प्रदान करने की प्रेरणा देती है।