बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र महत्वपूर्ण, सक्रिय भागीदारी आवश्यक : विधानसभाध्यक्ष

पटना। सोमवार को बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र की शुरूआत के मौके पर विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि यह सत्र छोटा होते हुए भी महत्वपूर्ण है। इसमें सभी की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। प्रदेश की समस्याओं के निवारण के लिए सदन में सार्थक विमर्श होना जरूरी है। यह विमर्श अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर सदन की मर्यादा और परंपरा के अनुकूल सभी की उपस्थिति से ही सफल हो पाएगा। उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा के ऐतिहासिक भवन का शताब्दी वर्ष समारोह में शामिल होकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने विधायिका का जो मार्गदर्शन किया, वह हमारे लिए नजीर बना रहेगा।
मौलिक अधिकारों के साथ कर्तव्यों की महत्ता
विधानसभाध्यक्ष ने कहा कि इस देश में मौलिक अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों की उतनी ही महत्ता है। अब जैसे-जैसे देश में लोकतंत्र मजबूत हो रहा है, वैसे-वैसे यहां लोगों में मौलिक कर्तव्यों के साथ-साथ समाज में नैतिक कर्तव्यों के प्रति जागरूकता बढ़ाने की भी आवश्यकता है। इस कार्य में हम सब जनप्रतिनिधियों की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाती है।
राष्ट्रपति का मार्गदर्शन हमारे लिए नजीर
विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि यह सुखद संयोग ही है कि देश एक ओर अपनी आजादी के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है तो दूसरी ओर हम बिहार विधानसभा के ऐतिहासिक भवन का शताब्दी वर्ष समारोह भी मना रहे हैं। राष्ट्रपति ने शताब्दी वर्ष समारोह में 21 अक्टूबर को आकर बिहार विधायिका का जो मार्गदर्शन किया है, वह हमारे लिए नजीर बना रहेगा।
राजनीतिक विरासत से नई पीढ़ी होगी अवगत
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विधानसभा परिसर में बोधगया से लाए गए पवित्र बोधिवृक्ष का पौधा लगाया गया, इससे यह परिसर सकारात्मक और पवित्र ऊर्जा से भरपूर रहेगा। राष्ट्रपति ने शताब्दी स्मृति स्तंभ का शिलान्यास किया है, जो हमारी राजनीतिक विरासत से नई पीढ़ी को हमेशा अवगत कराएगा।
