भोजपुर में सब्जी को लेकर पति से विवाद पर पत्नी ने खाया जहर, हुई मौत

भोजपुर। बिहार के भोजपुर जिले में एक दुखद घटना सामने आई है, जहां सब्जी को लेकर हुए मामूली विवाद के बाद एक नर्तकी ने जहर खाकर अपनी जान दे दी। यह घटना आयर थाना क्षेत्र के श्रीपुर गांव में मंगलवार की सुबह घटी। मृतका की पहचान प्रियंका देवार के रूप में हुई है, जो मूल रूप से छत्तीसगढ़ के कोराबा जिले के कोशमंदहा चौकान्हल्दी बाजार निवासी सिकंदर देवार की बेटी थी।
छत्तीसगढ़ से भोजपुर आई थी प्रियंका
प्रियंका की मौसी कौशल्या के अनुसार, पांच साल पहले वे लोग छत्तीसगढ़ से श्रीपुर गांव के एक आर्केस्ट्रा में नृत्य करने आए थे। वे आर्केस्ट्रा मालिक के घर में रहते थे और यहीं पर प्रियंका की मुलाकात लक्ष्मण शर्मा से हुई थी। दोनों के बीच बातचीत शुरू हुई, फिर प्रेम-प्रसंग में बदल गई और करीब तीन साल पहले दोनों ने शादी कर ली। हालांकि, लक्ष्मण शर्मा के घरवाले इस शादी के खिलाफ थे। इस कारण वे अपने परिवार से अलग रहकर श्रीपुर गांव में ही बस गए थे। प्रियंका और लक्ष्मण की शादी के दो साल बाद एक बेटी जिया देवार का जन्म हुआ।
सब्जी को लेकर हुआ विवाद
सोमवार की रात प्रियंका और उसके पति लक्ष्मण शर्मा आर्केस्ट्रा के एक कार्यक्रम के लिए पास के गांव गए थे। वे दोनों मंगलवार तड़के करीब चार बजे अपने घर लौटे। इसके बाद प्रियंका अपने कमरे में सोने चली गई। सुबह के समय सब्जी बनाने को लेकर पति-पत्नी के बीच बहस हो गई। इस दौरान दोनों के बीच झगड़ा बढ़ गया और लक्ष्मण शर्मा गुस्से में घर छोड़कर चला गया। कुछ देर बाद, प्रियंका के रोने की आवाज आई। जब परिवार के लोग उसके कमरे में पहुंचे तो वह अचेत अवस्था में पड़ी थी।
पति की संदिग्ध भूमिका
घटना के बाद प्रियंका के पति लक्ष्मण शर्मा को फोन किया गया। जब वह मौके पर पहुंचा तो पत्नी की हालत देखकर वहां से भाग गया। परिजनों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
आत्महत्या या हत्या, पुलिस कर रही जांच
पुलिस जांच के अनुसार, प्रियंका की मौत जहर खाने की वजह से हुई है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि यह आत्महत्या थी या किसी और कारण से जहर खिलाया गया था। पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है।
दो साल की मासूम पर टूटा दुखों का पहाड़
प्रियंका की मौत के बाद उसकी दो वर्षीय बेटी जिया अनाथ हो गई है। उसकी देखभाल की जिम्मेदारी अब परिवार वालों पर आ गई है।
महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर चिंता
यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि महिलाओं पर घरेलू तनाव और पारिवारिक झगड़ों का कितना गहरा असर पड़ता है। कई बार छोटे-छोटे विवाद बड़े हादसों में तब्दील हो जाते हैं।
समाज और प्रशासन की भूमिका
इस घटना से सीख लेते हुए समाज को महिलाओं की मानसिक स्थिति और घरेलू समस्याओं को गंभीरता से लेने की जरूरत है। साथ ही, प्रशासन को भी ऐसे मामलों में त्वरित और निष्पक्ष जांच करनी चाहिए ताकि किसी निर्दोष को सजा न मिले और दोषी बच न सके।
