लैंड फॉर जॉब मामले पर बोले लालू, कहा- हमें न्यायालय पर पूरा भरोसा, हम लड़ेंगे और जीतेंगे
- तेजस्वी का सरकार पर एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप, कहा- हम रुकेंगे नहीं लड़ते रहेंगे
पटना। ‘जमीन के बदले नौकरी’ मामले में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव सहित सभी आरोपियों को एक-एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी है। इस मामले की अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को निर्धारित की गई है। इस फैसले के बाद से बिहार में सियासी हलचल तेज हो गई है और कई राजनीतिक दलों ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। जहां एक ओर लालू यादव ने न्यायपालिका में अपनी आस्था व्यक्त की, वहीं दूसरी ओर उनके बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे पर बीजेपी पर हमला बोला।
जमानत मिलने पर लालू का बयान
लालू प्रसाद यादव ने कोर्ट से जमानत मिलने के बाद पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने कहा, “यह मुकदमा कोई नई बात नहीं है। हम लोगों की विचारधारा बीजेपी और आरएसएस से लड़ने की है, और इसीलिए ये लोग जांच एजेंसियों के माध्यम से हमें परेशान करने की कोशिश कर रहे हैं।” उन्होंने अपने और अपने परिवार के प्रति अदालत के फैसले पर संतोष जताया और कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। लालू यादव ने यह भी कहा कि वे और उनका परिवार इस लड़ाई को न्यायिक प्रक्रिया के माध्यम से लड़ेंगे और जीतेंगे। लालू प्रसाद यादव के इस बयान ने एक बार फिर यह साफ कर दिया है कि वे बीजेपी और आरएसएस की राजनीति का मुखर विरोध करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने अपने संघर्ष की दिशा स्पष्ट करते हुए कहा कि वे जनता की भलाई और देश के संविधान की रक्षा के लिए हमेशा खड़े रहेंगे। उनका कहना था कि “हमारी लड़ाई न्यायिक है और हम इसे कानूनी तौर पर लड़ेंगे और जीतकर रहेंगे।”
तेजस्वी यादव का बीजेपी पर हमला
इस मामले को लेकर तेजस्वी यादव ने भी बीजेपी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी, केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर उनके परिवार को परेशान करने की कोशिश कर रही है। तेजस्वी ने कहा, “हमारे परिवार को सिर्फ इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि हम बीजेपी के खिलाफ खड़े हैं और उनकी विचारधारा को चुनौती दे रहे हैं। लेकिन हमें न्यायपालिका और जनता पर पूरा विश्वास है और हम इस लड़ाई में जीत हासिल करेंगे। तेजस्वी यादव ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब भी कोई नेता उनकी राजनीति के खिलाफ खड़ा होता है, तो उसे केंद्रीय एजेंसियों का डर दिखाकर दबाने की कोशिश की जाती है। उन्होंने इसे बीजेपी की ‘प्रतिशोध की राजनीति’ का हिस्सा बताया। तेजस्वी ने कहा कि उनकी पार्टी इस तरह के दबाव से डरने वाली नहीं है और वे बीजेपी की हर चाल का सामना करेंगे। तेजस्वी यादव ने कहा, “हमें न्यायालय पर पूरा भरोसा है। जनता समझ चुकी है कि भाजपा किस तरह से राजनीतिक बदले की भावना से एजेंसियों का दुरुपयोग कर केस और मुकदमे दर्ज कराती है। हमें न्यायालय पर पूरा भरोसा है।
7 अक्टूबर को पेशी का था आदेश
दिल्ली की ईडी स्पेशल राउज एवेन्यू कोर्ट ने 8 लोगों को पेश होने का समन भेजा था। जिन आरोपियों को समन भेजा गया था उनमें लालू प्रसाद यादव, उनके बेटे तेजस्वी यादव और तेज प्रताप के अलावा अखिलेश्वर सिंह, हजारी प्रसाद राय, संजय राय, धर्मेंद्र सिंह और किरण देवी शामिल हैं। इन सभी आरोपियों को 7 अक्टूबर कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया था। लैंड फॉर जॉब मामला लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के खिलाफ एक गंभीर आरोप है। इसमें लालू यादव पर आरोप है कि जब वे रेल मंत्री थे, तब उन्होंने कुछ लोगों को रेलवे में नौकरी देने के बदले उनसे जमीन ली थी। यह मामला लंबे समय से चल रहा है और कई बार इस पर सियासी बयानबाजी भी हुई है। लालू यादव और उनका परिवार इस मामले को राजनीतिक प्रतिशोध के तहत दर्ज किया गया मानते हैं और उनका दावा है कि उन्होंने किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार नहीं किया है। लालू प्रसाद यादव का कहना है कि यह मामला बीजेपी और उनकी एजेंसियों द्वारा गढ़ा गया है ताकि उन्हें और उनके परिवार को राजनीतिक रूप से नुकसान पहुंचाया जा सके। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब सिर्फ इसलिए किया जा रहा है क्योंकि वे बीजेपी की विचारधारा के खिलाफ हैं और जनता के हितों की रक्षा के लिए हमेशा खड़े रहते हैं।
आरजेडी का रूख और राजनीतिक संदेश
लालू प्रसाद यादव को कोर्ट से मिली जमानत ने आरजेडी को थोड़ी राहत दी है। पार्टी ने इसे न्याय की जीत के रूप में देखा है। पार्टी के कई नेताओं ने कहा कि यह साबित करता है कि उनके नेता निर्दोष हैं और बीजेपी की साजिशों के बावजूद वे न्याय प्राप्त करेंगे। आरजेडी के नेताओं ने इसे बीजेपी की राजनीतिक प्रतिशोध की कोशिश बताया और कहा कि यह लड़ाई सिर्फ लालू यादव की नहीं, बल्कि पूरे बिहार की है। वे अपने नेता के साथ खड़े हैं और किसी भी तरह के अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं। लालू यादव की इस लड़ाई ने आरजेडी के कार्यकर्ताओं में नया जोश भर दिया है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि लालू यादव हमेशा से गरीबों और वंचितों की आवाज बने रहे हैं और उनके खिलाफ इस तरह के मामले सिर्फ उनकी लोकप्रियता को कम करने की कोशिश हैं। आरजेडी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी किसी भी तरह के दबाव में आने वाली नहीं है और वे हर कीमत पर अपने नेता के साथ खड़े रहेंगे।
न्यायपालिका पर विश्वास और भविष्य की रणनीति
लालू प्रसाद यादव ने न्यायपालिका में अपने विश्वास को बार-बार व्यक्त किया है। उनका कहना है कि उन्हें पूरा विश्वास है कि अदालत में सच की जीत होगी और वे इस मामले में निर्दोष साबित होंगे। उन्होंने कहा कि वे न्यायिक प्रक्रिया के माध्यम से इस लड़ाई को लड़ेंगे और जीतेंगे। लालू यादव के इस बयान से यह साफ है कि वे अपने समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं को संदेश देना चाहते हैं कि वे किसी भी दबाव में झुकने वाले नहीं हैं और अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। लालू यादव और आरजेडी के इस रुख ने बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल मचा दी है। उनके समर्थक उनके साथ खड़े हैं और उनका कहना है कि वे इस लड़ाई को न्यायपालिका के माध्यम से जीतेंगे। इस मामले में अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को होगी और यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे की कानूनी प्रक्रिया किस दिशा में जाती है। ‘लैंड फॉर जॉब’ मामले में लालू प्रसाद यादव को मिली जमानत ने आरजेडी को बड़ी राहत दी है। लालू यादव ने न्यायपालिका पर अपना विश्वास जताते हुए कहा है कि वे इस लड़ाई को कानूनी रूप से लड़ेंगे और जीत हासिल करेंगे। वहीं, तेजस्वी यादव ने इस मामले को लेकर बीजेपी पर हमला बोला और इसे राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा बताया। बिहार की राजनीति में इस मामले को लेकर सियासत तेज हो गई है और आगामी दिनों में यह देखना होगा कि इस मुद्दे पर क्या नया मोड़ आता है।