राज्यकर्मी का दर्जा देने के प्रावधान पर भड़का बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ, सीएम पत्र लिख कहा- घोषणा का हो रहा उल्लंघन
पटना। नियोजित शिक्षकों को लेकर बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने मोर्चा खोल दिया है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम एक पत्र लिखकर अपनी मांगे रखी है और आंदोलन करने की भी चेतावनी दी है। वही बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव व पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने सीएम नीतीश को पत्र लिखकर कहा कि विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 में परीक्षा में शामिल होने वाले शिक्षकों के लिए कठिन से कठिन शर्त्त लाद दी गयी है। शिक्षकों को 3 जिले का विकल्प देना होगा, अन्यथा उन्हें जहाँ-तहाँ तबादला कर दिया जायेगा। जिले के विकल्प देने के समय उनके सामने उन जिलों की रिक्तियाँ नहीं होगी। वे अंधकार में रहेंगे। अतः इस प्रावधान को हटा दिया जाय। उन्होंने आगे लिखा है की शिक्षकों के लिए ऐच्छिक स्थानान्तरण का ही प्रावधान किया जाय। शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा कि जहां तक ऑनलाईन परीक्षा का विभागीय आदेश है, इसका उल्लेख नियमावली में नहीं है। जब 2 लाख से अधिक शिक्षकों की बहाली लिखित परीक्षा ऑफलाईन ली गई तो नियोजित शिक्षकों के लिए ऑनलाईन परीक्षा का कोई औचित्य ही नहीं है। पुराने शिक्षकों को कम्प्युटर का भी कभी प्रशिक्षण नहीं दिया गया है। इसलिए इन कठिन शर्त्तों को स्वीकार नहीं करेंगे। वे अपमानजनक व असुविधाओं में नियोजित ही रहना चाहेंगे। आपकी घोषणा का सम्मान विभाग नहीं कर रहा है, इससे शिक्षकों में भयंकर आक्रोश है। उन्होंने सीएम को कहा है कि आपने मामूली परीक्षा के आधार पर राज्यकर्मी बनाने की घोषणा की थी। मामूली परीक्षा लेकर राज्यकर्मी का दर्जा संबंधी आपकी घोषणा के विरूद्ध नियमावली अधिसूचित किया जाना व ऑनलाईन परीक्षा लेने के संबंध में विभागीय आदेश अनीतिपूर्ण है। विभाग द्वारा ऑनलाईन परीक्षा का आदेश देना सीएम के घोषणा का खुल्लम-खुला उल्लंघन हो रहा है। शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने मुख्यमंत्री से निवेदन किया है कि नये शिक्षा मंत्री के साथ आपकी अध्यक्षता में हमलोगों के साथ इन आवश्यक बिन्दुओं पर विचार-विमर्श हेतु तुरंत एक बैठक आयोजित की जाय। पूरे राज्य के 4 लाख प्राथमिक/माध्यमिक/उच्च माध्यमिक शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों में काफी आक्रोश है। इससे पठन-पाठन भी प्रभावित होगा। यदि शीघ्र समाधान नहीं हुआ तो शिक्षकों को बांझ आश्वासन देकर अधिक दिनों तक धैर्य-धारण नहीं कराया जा सकता है। हमने आपकी घोषणाओं के सम्मान में अभी तक संघर्ष की घोषणा नहीं की है। इसे हमारी कमजोरी नहीं समझी जाय।