February 8, 2025

बिक्रम ट्रामा सेंटर मामला पहुंचा उच्च न्यायालय, जन अधिकार पार्टी के युवा नेता रजनीश तिवारी ने किया जनहित याचिका दायर

पटना/विक्रम।आसपुरा एनएच किनारे स्थित बिक्रम ट्रामा सेंटर 2002 से करोड़ों की लागत से बनकर तैयार है, लेकिन अबतक इसका विधिवत उद्घाटन व ट्रामा सेंटर शुरू नहीं हो सका है, जिससे क्षेत्र की जनता में काफी मायूसी व आक्रोश व्याप्त है| इस समस्या को लेकर समय-समय पर स्थानीय नागरिकों के द्वारा विरोध जताया जाता रहा है|

वही बिक्रम ट्रामा सेंटर को अबतक चालू नहीं किए जाने को लेकर बात अब पटना उच्च न्यायालय के पास जा पहुंचा है, जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) के युवा, प्रदेश महासचिव सह प्रवक्ता रजनीश कुमार तिवारी ने इस समस्या की गंभीरता को देखते हुए पटना उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कराया है|

रजनीश कुमार तिवारी की ओर से उनके वकील व लीगल एडवाइजर एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड चंदन कुमार उर्फ एकलव्य चंदन कुमार एवं एडवोकेट संकेत के द्वारा जनहित याचिका ईफाइलिंग के रूप में दायर किया गया है, अधिवक्ता चंदन कुमार उर्फ एकलव्य चंदन ने बताया की मामला उच्च न्यायालय में दायर कर दिया गया है इसमें अपोजिशन पार्टी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव के माध्यम से भारत सरकार एवं राज्य सरकार वं अन्य को पार्टी बनाया गया है, याचिका पर कोर्ट से अप्रूवल मिलने के बाद जल्द ही टोकन नंबर मिल जाएगा और उसके बाद सुनवाई हेतु लिस्ट पर भी आ जाएगी उन्होंने बताया कि पूर्व में भी यह मामला 2004 में उच्च न्यायालय में जा चुका है और हाईकोर्ट के आदेश को स्वास्थ्य विभाग द्वारा सही से इंप्लीमेंट नहीं किया गया ऐसे में न्यायालय इस मामले में जनहित में फैसला जरूर सुनाएगी और ट्रामा सेंटर शुरू हो सकेगा|

जाप नेता रजनीश तिवारी ने बताया कि वह इस मामले को लेकर पूर्व से ही काफी सक्रियता दिखाते रहें है, स्वास्थ्य महकमा से लेकर देश के प्रधानमंत्री तक इस मामले को पहुंचाने का काम किए हैं, यहां तक कि स्थानीय पदाधिकारी के द्वारा मामले को कागजी रूप में आगे बढ़ाते रहें हैं स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन को भी इसमें अनिवार्य एक्शन लेने के लिए बाध्य करते रहें है,लेकिन इसके बावजूद भी जनता को सिर्फ निराशा ही हाथ लगी है| ऐसे में नेताओं व अधिकारियों के भरोसे बैठे नहीं रह सकते थे, इसलिए उन्होंने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया उन्होंने बताया कि दुर्भाग्य है कि इतने वर्षों के बावजूद भी इसको ठंडे बस्ते में डाल दिया गया और राजनीतिक साजिश के तहत इसे अबतक शुरू नहीं कराया जा सका, लेकिन उच्च न्यायालय इस मामले में अवश्य संज्ञान लेते हुए इसको विधिवत रूप से चालू करने एवं सारी सुविधा बहाल करने का आदेश दे सकती है और लोगों को अब न्यायालय से ही उम्मीद है|

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