7 दिसंबर को बिहार दौरे पर आएंगे उपराष्ट्रपति, मोतिहारी केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में लेंगे हिस्सा
पटना। बिहार के मोतिहारी में 7 दिसंबर को एक ऐतिहासिक दिन होगा, जब भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल होंगे। इस मौके पर राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर भी मौजूद रहेंगे। इस आयोजन को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन और स्थानीय प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। बापू की कर्मभूमि चंपारण में यह कार्यक्रम उच्च शिक्षा और विद्यार्थियों की उपलब्धियों का उत्सव होगा। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का बिहार दौरा हमेशा विशेष महत्व रखता है। इस बार उनका आगमन मोतिहारी केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के लिए हो रहा है। यह समारोह विद्यार्थियों के लिए न केवल उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों का उत्सव है, बल्कि उनके जीवन में एक नई शुरुआत का प्रतीक भी है। इस आयोजन में 433 छात्रों को मेडल प्रदान किए जाएंगे, जिनमें से 10 मेधावी छात्रों को स्वर्ण पदक उपराष्ट्रपति अपने हाथों से देंगे। कुलपति डॉक्टर संजय श्रीवास्तव ने इस आयोजन को विश्वविद्यालय के लिए गर्व का क्षण बताया। उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति का आगमन छात्रों और विश्वविद्यालय के लिए एक प्रेरणा का स्रोत होगा। बापू सभागार में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। चंपारण का इतिहास महात्मा गांधी के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान खेले गए महत्वपूर्ण भूमिका के लिए जाना जाता है। ऐसे में उपराष्ट्रपति का इस ऐतिहासिक भूमि पर आगमन इसे और खास बना देता है। चंपारण ने हमेशा से सामाजिक और शैक्षिक सुधारों में अहम योगदान दिया है। केंद्रीय विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह इस परंपरा को आगे बढ़ाने की दिशा में एक और कदम है। दीक्षांत समारोह हर विद्यार्थी के लिए एक महत्वपूर्ण दिन होता है। यह केवल डिग्री हासिल करने का अवसर नहीं है, बल्कि उनके संघर्ष और मेहनत का प्रतीक भी है। उपराष्ट्रपति और राज्यपाल जैसे प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति न केवल इस आयोजन को विशेष बनाएगी, बल्कि छात्रों को प्रेरित भी करेगी। इस मौके पर 433 छात्रों को विभिन्न विषयों में उनकी उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया जाएगा। इनमें से 10 छात्रों को स्वर्ण पदक दिया जाएगा, जो उनके शैक्षणिक उत्कृष्टता का प्रमाण है। यह सम्मान छात्रों के लिए उनके भविष्य की यात्रा में एक प्रेरणादायक बल साबित होगा। उपराष्ट्रपति के दौरे को लेकर प्रशासनिक तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। स्थानीय प्रशासन और विश्वविद्यालय प्रशासन मिलकर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि आयोजन में किसी भी प्रकार की कमी न रह जाए। सुरक्षा व्यवस्था, आयोजन स्थल की सजावट, और समारोह की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया जा चुका है। यह दीक्षांत समारोह न केवल एक औपचारिक आयोजन है, बल्कि बिहार में उच्च शिक्षा के महत्व और उसकी प्रगति का प्रमाण भी है। मोतिहारी केंद्रीय विश्वविद्यालय ने पिछले कुछ वर्षों में शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। इस विश्वविद्यालय से निकलने वाले छात्र राज्य और देश की सेवा में अपने योगदान के लिए पहचाने जाते हैं। इस आयोजन में उपराष्ट्रपति के संबोधन का भी विशेष महत्व होगा। उनके अनुभव और विचार छात्रों और शैक्षणिक समुदाय के लिए अमूल्य होंगे। इसके अलावा, राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर का संबोधन भी इस समारोह को विशेष बनाएगा। चंपारण जैसे ऐतिहासिक स्थान पर आयोजित यह कार्यक्रम न केवल विद्यार्थियों की उपलब्धियों का जश्न है, बल्कि समाज और शिक्षा में बदलाव लाने के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है। यह समारोह विद्यार्थियों के जीवन में एक नया अध्याय शुरू करने का प्रतीक है, जो उन्हें समाज और राष्ट्र की प्रगति में योगदान करने के लिए प्रेरित करेगा। उपराष्ट्रपति का बिहार दौरा और मोतिहारी केंद्रीय विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह उच्च शिक्षा, प्रेरणा और राष्ट्र सेवा के प्रति प्रतिबद्धता का एक आदर्श उदाहरण है। इस आयोजन से न केवल विश्वविद्यालय और चंपारण को गर्व होगा, बल्कि यह पूरे राज्य के लिए एक प्रेरणादायक घटना साबित होगी।