पटना में 70वीं बीपीएससी में पेपर लीक को लेकर हंगामा: पेपर लीक का आरोप, कैंडिडेट्स ने छोड़ा एग्जाम सेंटर
- छात्र बोले, समय पर नहीं मिला क्वेश्चन, पेपर लीक का अंदेशा, बापू परीक्षा परिसर में जबरदस्त हंगामा
पटना। बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा शुक्रवार को विवादों में घिर गई। राजधानी पटना के बापू परीक्षा परिसर में अभ्यर्थियों ने परीक्षा के दौरान पेपर लीक का आरोप लगाते हुए जबरदस्त हंगामा किया। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि कई अभ्यर्थी परीक्षा बीच में ही छोड़कर परीक्षा केंद्र से बाहर निकल आए। इस परीक्षा में 36 जिलों के कुल 912 परीक्षा केंद्रों पर करीब 4,83,000 अभ्यर्थी शामिल हुए। परीक्षा दोपहर 12 बजे से 2 बजे के बीच एक ही पाली में आयोजित की गई थी। पटना जिले में इस परीक्षा के लिए 60 से अधिक केंद्र बनाए गए थे। हालांकि, परीक्षा के दौरान पटना के बापू परीक्षा परिसर में माहौल तनावपूर्ण हो गया। कई अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि परीक्षा शुरू होने के बाद प्रश्नपत्र लीक हो गया था। इसके अलावा, कई छात्रों ने यह भी शिकायत की कि कुछ अभ्यर्थियों को समय पर प्रश्नपत्र उपलब्ध नहीं कराया गया, जिससे उनके मन में धांधली का शक पैदा हुआ।
अभ्यर्थियों का आरोप और हंगामा
परीक्षा छोड़कर बाहर आए अभ्यर्थियों ने मीडिया से बातचीत करते हुए आरोप लगाया कि यह परीक्षा भी निष्पक्ष तरीके से आयोजित नहीं की गई। अभ्यर्थियों का कहना था कि पहले भी कई बार बीपीएससी की परीक्षाओं में गड़बड़ी और पेपर लीक की घटनाएं हो चुकी हैं, और इस बार भी ऐसा होने की आशंका है। उनका यह भी कहना था कि छात्रों के भविष्य के साथ बार-बार खिलवाड़ करना अनुचित है। अभ्यर्थियों ने यह मांग की कि पूरे मामले की जांच होनी चाहिए और जो भी दोषी हो, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हुए सवाल
हंगामे की जानकारी मिलते ही स्थानीय प्रशासन सक्रिय हो गया। पुलिस दल मौके पर पहुंचा और स्थिति को नियंत्रण में लाने की कोशिश की। पुलिस अधिकारियों ने अभ्यर्थियों को समझाने-बुझाने की कोशिश की और उन्हें शांत किया। हालांकि, हंगामे और आरोपों को देखते हुए परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
अब तक की सबसे बड़ी वैकेंसी
इस बार आयोग ने 2035 पदों के लिए परीक्षा आयोजित की थी, जो बीपीएससी के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी वैकेंसी है। इनमें सब डिवीजन ऑफिसर, सीनियर डिप्टी ऑफिसर, डीएसपी और अन्य महत्वपूर्ण पद शामिल हैं। इतनी बड़ी संख्या में पदों के लिए परीक्षा का आयोजन पहली बार किया गया था, जिससे लाखों अभ्यर्थियों की उम्मीदें इस परीक्षा से जुड़ी हुई थीं।
अभ्यर्थियों का गुस्सा और उनकी मांग
मीडिया से बातचीत के दौरान कई अभ्यर्थियों ने अपनी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि एक साल की मेहनत और तैयारी के बाद जब परीक्षा में गड़बड़ी होती है, तो यह छात्रों के लिए बेहद हतोत्साहित करने वाला होता है। उनका कहना था कि सरकार और आयोग को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
निष्पक्ष जांच की मांग
अभ्यर्थियों ने इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई, तो आयोग और सरकार के प्रति छात्रों का भरोसा खत्म हो जाएगा।
सरकार और आयोग के सामने चुनौती
इस घटना ने बिहार लोक सेवा आयोग और राज्य सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। छात्रों का भरोसा जीतने और परीक्षा प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। अगर इस मामले की गंभीरता से जांच नहीं की गई और दोषियों को दंडित नहीं किया गया, तो इससे न केवल परीक्षा प्रक्रिया पर सवाल उठेंगे, बल्कि लाखों छात्रों का भविष्य भी प्रभावित हो सकता है। 70वीं बीपीएससी परीक्षा में पेपर लीक के आरोपों ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या बिहार में प्रतियोगी परीक्षाएं पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से आयोजित की जा रही हैं। लाखों छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए इस मामले की गंभीरता से जांच और दोषियों पर कार्रवाई करना बेहद जरूरी है। साथ ही, प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं।