मुजफ्फरपुर में निजी अस्पताल में छात्रा की मौत पर हंगामा, परिजनों व कर्मियों के बीच मारपीट, टाइगर मोबाइल के जवान ने दी धमकी
मुजफ्फरपुर । जूरनछपरा में जिला परिषद मार्केट के एक निजी नर्सिंग होम में इलाज के दौरान स्नातक की छात्रा प्रीति कुमारी (21) की जान चली गई। वह अहियापुर थाना के छिंट भगवतीपुर के सहदुल्लापुर के सुबोध कुमार श्रीवास्तव की बेटी थी। इलाज में लापरवाही का आरोप लगाकर परिजनों ने हंगामा किया। नर्सिंग होम के कर्मियों व परिजनों के बीच मारपीट हुई।
हंगामा शांत करने पहुंचे टाइगर मोबाइल के जवान ने प्रीति के परिजनों का पक्ष सुने बिना गोली मारने की धमकी दी। इसपर वे जवान से भी उलझ गए और धक्का-मुक्की की।
दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे तक नर्सिंग होम में गहमागहमी बनी रही। परिजनों ने नर्सिंग होम के डॉक्टर व कर्मियों के खिलाफ ब्रह्मपुरा थाने में एफआईआर के लिए आवेदन दिया है। पुलिस छानबीन में जुटी है।
इससे पहले परिजनों ने नर्सिंग होम व दवा दुकान को बंद कराने की मांग की। इसका नर्सिंग होम के कर्मियों ने विरोध किया। इसके बाद मारपीट शुरू हो गई। परिजनों का आरोप है कि नर्सिंग होम के कर्मियों व अन्य दवा दुकानदारों ने मारपीट की है।
वहीं, नर्सिंग होम के कर्मियों ने भी छात्रा के परिजनों पर मारपीट करने का आरोप लगाया है। वहीं, नगर डीएसपी रामनरेश पासवान ने बताया कि पीड़ित पक्ष ने आवेदन दिया है। इसकी जांच कराई जा रही है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
चाचा प्रमोद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि प्रीति छह माह पहले एक समारोह के दौरान घर की सीढ़ी से गिर गई थी। उसके सिर में गंभीर चोट आई थी। गहरा जख्म हो गया था। दवा खाने के बाद ठीक हो गई।
बीते बुधवार को फिर से उसके सिर में तेज दर्द होने लगा। तबीयत बिगड़ने पर जूरनछपरा स्थित उक्त निजी नर्सिंग होम में लेकर पहुंचे। यहां पर न्यूरो की जगह फिजिशियन ने भर्ती कर लिया।
इसके बाद डॉक्टर व कंपाउंडर ने कहा कि 10 से 15 दिन में ठीक हो जाएगी। उसके सिर में खून का थक्का जम गया है। परिजनों का आरोप है कि एक बार भी डॉक्टर उसे भर्ती के दौरान देखने नहीं गए। तबीयत बिगड़ने पर एक कंपाउंडर ने पानी चढ़ा दिया।
परिजनों का आरोप है कि प्रीति की मौत के बाद निजी नर्सिंग होम से रेफर किया जा रहा था। एम्बुलेंस भी अस्पताल प्रबंधन ने खुद मंगा ली थी। इसकी भनक लगने पर परिजनों ने विरोध जताया। डॉक्टर को मौके पर बुलाया।
पिता सुबोध कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि डॉक्टर सहित अन्य कर्मी भाग निकले। बेटी के गुनाहगारों को सजा दिलाने की मांग करने पर उन्हें व अन्य परिजनों को नर्सिंग होम के कर्मियों व दवा दुकानदारों ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा।
मरीज की मौत के बाद हंगामे की सूचना नगर डीएसपी रामनरेश पासवान को मिली। उन्होंने ब्रह्मपुरा थानेदार अनिल कुमार गुप्ता को मौके पर पहुंचने का निर्देश दिया।
थानेदार खुद या थाने के अन्य पुलिस पदाधिकारियों को नहीं भेज टाइगर मोबाइल जवान को भेज दिया। इससे विवाद और बढ़ गया। एक घंटे के बवाल के बाद ब्रह्मपुरा थाना से दारोगा सरोज कुमार सहित अन्य मौके पर पहुंचे।