पटना यूनिवर्सिटी में 24 से भरे जाएंगे यूजी एडमिशन का फॉर्म, 21 जुलाई से पीजी का नामांकन

पटना। पीयू ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए एडमिशन और परीक्षा का वार्षिक कैलेंडर जारी कर दिया है। इस बार विश्वविद्यालय ने कोशिश की है कि सत्र का संचालन समय पर और नियमित रूप से हो। इसी उद्देश्य से सभी कोर्स की प्रवेश प्रक्रिया की तारीखें पहले से ही तय कर दी गई हैं।
स्नातक कोर्स में आवेदन की प्रक्रिया
अगर कोई छात्र यूनिवर्सिटी के यूजी कोर्स में दाखिला लेना चाहता है, तो वह 24 अप्रैल से ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। आवेदन की अंतिम तिथि 23 मई तय की गई है। सभी स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिला 26 जून तक पूरा कर लिया जाएगा। इस बार बीएफए कोर्स की प्रवेश परीक्षा 28 मई को आयोजित होगी, जबकि एलएलबी कोर्स के लिए परीक्षा 30 जून को होगी। वहीं बीसीए, बीबीए, बीएमसी, बीएसडब्ल्यू, बायोटेक्नोलॉजी, फंक्शनल इंग्लिश और एनवायरनमेंटल साइंस जैसे यूजी सेल्फ फाइनेंस कोर्स में प्रवेश परीक्षा 12 जून को ली जाएगी। बीए, बीकॉम और बीएससी की प्रवेश तिथियां अलग से घोषित की जाएंगी।
पीजी कोर्स में एडमिशन की व्यवस्था
स्नातकोत्तर (पीजी) कोर्सों के लिए ऑनलाइन फॉर्म 2 जुलाई से उपलब्ध होंगे। आवेदन की अंतिम तारीख 21 जुलाई है और दाखिला प्रक्रिया 11 अगस्त तक पूरी कर ली जाएगी। नए सत्र की शुरुआत 13 अगस्त से होगी, यानी इसी दिन से कक्षाएं भी आरंभ होंगी।
एडमिशन की प्रक्रिया और टेस्ट की जानकारी
यूनिवर्सिटी ने यह भी स्पष्ट किया है कि किन कोर्सों में मेरिट के आधार पर और किन में प्रवेश परीक्षा के जरिए एडमिशन होगा। एमए (ह्यूमैनिटीज), एमएससी और एमकॉम जैसे रेगुलर पीजी कोर्सों में छात्रों का चयन केवल शैक्षणिक अंकों के आधार पर किया जाएगा। जबकि एमए (पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन व इंटरनेशनल रिलेशंस), एलएलएम और एमएड जैसे कोर्सों में एडमिशन के लिए 7 अगस्त को एंट्रेंस टेस्ट आयोजित होगा।
सेल्फ फाइनेंस कोर्सों की परीक्षा भी 7 अगस्त को
उसी दिन सेल्फ फाइनेंस पीजी और डिप्लोमा कोर्सों के लिए भी प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाएगी। इन कोर्सों में मास्टर ऑफ रूरल स्टडी, एमएससी बायोकेमिस्ट्री, बायोटेक्नोलॉजी, एनवायरनमेंटल साइंस एंड मैनेजमेंट, कंप्यूटर एप्लिकेशन, वीमेंस स्टडी, जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन, लाइब्रेरी साइंस और म्यूजिक शामिल हैं। इसके अलावा पीजी डिप्लोमा इन इंडस्ट्रियल सेफ्टी मैनेजमेंट का टेस्ट भी इसी दिन होगा।
पारदर्शिता और समयबद्धता की पहल
विश्वविद्यालय की यह पहल विद्यार्थियों के लिए काफी सहायक साबित हो सकती है। समय से जारी कैलेंडर के जरिए छात्र अपनी योजना पहले से बना सकते हैं और किसी प्रकार की अनिश्चितता से बच सकते हैं। इस तरह की पारदर्शी और समयबद्ध व्यवस्था शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार की दिशा में एक अहम कदम है।

You may have missed