मुख्यमंत्री उद्यमी योजना का फिर खुलेगा पोर्टल, उद्यमियों को जल्द जारी होगी दूसरी किस्त
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पटना। बिहार सरकार की लघु उद्यमी योजना और मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। इस योजना के अंतर्गत चयनित 40,000 लाभुकों को मिली पहली किस्त के उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। अगले एक-दो दिनों में उद्योग विभाग आधिकारिक पोर्टल चालू करने जा रहा है, जहां लाभुकों को 50-50 हजार रुपये की पहली किस्त का उपयोगिता प्रमाण पत्र ऑनलाइन जमा करना होगा। प्रमाण पत्र जमा करने के बाद ही लाभार्थियों को योजना की दूसरी किस्त के रूप में 1.5 लाख रुपये प्रदान किए जाएंगे। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, लघु उद्यमी योजना के अंतर्गत सभी चयनित लाभुकों को कुल 2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है। पहली किस्त के रूप में 50 हजार रुपये पहले ही लाभार्थियों के खातों में जमा किए जा चुके हैं। अब उन्हें यह प्रमाणित करना होगा कि इस राशि का सही और प्रभावी उपयोग किस प्रकार किया गया है। प्रमाण पत्र जमा करने के बाद ही उन्हें अगली किस्त जारी की जाएगी। लघु उद्यमी योजना का मुख्य उद्देश्य उन परिवारों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है, जिनकी मासिक आय 6,000 रुपये से कम है। सरकार ने ऐसे लगभग 94 लाख परिवारों की पहचान की है, जिन्हें इस योजना के तहत लाभान्वित किया जाएगा। इसके साथ ही, 20,000 लाभुकों को 6-6 दिन की विशेष प्रशिक्षण भी प्रदान की जा चुकी है। यह प्रशिक्षण उन्हें अपने व्यवसाय को बेहतर तरीके से संचालित करने के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करने के उद्देश्य से दिया गया है। इस योजना के लिए बिहार सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 तक 250 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है। इसके अलावा, सांकेतिक रूप से 1,000 करोड़ रुपये का भी प्रावधान किया गया है, जो राज्य में लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है। यह योजना न केवल परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार करेगी, बल्कि राज्य में लघु और मध्यम उद्योगों के विकास में भी योगदान देगी। इसी क्रम में, मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत चयनित करीब 9,000 लाभुकों में से 1,090 लाभुकों की ट्रेनिंग शुरू कर दी गई है। यह प्रशिक्षण उनके व्यवसाय संचालन को सुदृढ़ और व्यावसायिक दृष्टिकोण से सशक्त बनाने के उद्देश्य से दी जा रही है। इसके लिए पटना के 5, बोधगया के 1 और भागलपुर के 1 संस्थान को चयनित किया गया है। इन संस्थानों में लाभुकों को व्यवसायिक प्रबंधन, वित्तीय योजना, और बाजार समझ जैसे कौशल सिखाए जा रहे हैं, ताकि वे अपने व्यवसाय को आत्मनिर्भरता के साथ चला सकें। सरकार ने इस योजना को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए न केवल वित्तीय सहायता, बल्कि प्रशिक्षण के माध्यम से तकनीकी कौशल विकास पर भी जोर दिया है। इससे राज्य के लघु और मध्यम उद्यमों को सशक्त किया जा सकेगा। इन योजनाओं का उद्देश्य समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को व्यवसायिक दृष्टिकोण से समर्थ बनाना और उन्हें अपनी आजीविका के लिए आत्मनिर्भर करना है। लघु उद्यमी योजना और मुख्यमंत्री उद्यमी योजना बिहार के आर्थिक ढांचे को मजबूत करने और राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। आने वाले दिनों में इन योजनाओं के तहत और भी लाभुकों को सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे वे अपने व्यवसायों को बेहतर ढंग से संचालित कर सकें।
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