पटना एम्स के इमरजेंसी मेडिसिन विभाग द्वारा दो दिवसीय विद्यार्थी सम्मेलन का आयोजन

पटना। पटना एम्स के इमरजेंसी मेडिसिन विभाग द्वारा एक विशेष दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन का उद्देश्य चिकित्सा विद्यार्थियों और विशेषज्ञों को आपातकालीन चिकित्सा के क्षेत्र में नई जानकारियों से अवगत कराना था। यह आयोजन एम्स पटना के कार्यकारी निदेशक और सीईओ प्रोफेसर सौरभ वार्ष्णेय के संरक्षण में संपन्न हुआ।
उद्घाटन समारोह और प्रतिभागी
सम्मेलन का उद्घाटन एम्स पटना के डीन (अकादमिक प्रभारी) डॉ संजय पांडे, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ अमित राज और अन्य वरिष्ठ संकाय सदस्यों की उपस्थिति में किया गया। आयोजन समिति के अध्यक्ष और विभागाध्यक्ष ने जानकारी दी कि इस सम्मेलन में देशभर से चिकित्सा संकाय और प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इसमें एम्स ऋषिकेश, निज़ाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, हैदराबाद, एम्स रायबरेली और अन्य प्रमुख संस्थानों के विशेषज्ञों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
आपातकालीन चिकित्सा में टीम वर्क की अहमियत
सोसाइटी ऑफ इमरजेंसी मेडिसिन इंडिया के अध्यक्ष डॉ स्विजन्या ने इस अवसर पर बताया कि मरीजों की आपातकालीन देखभाल को प्रभावी बनाने के लिए टीम वर्क बेहद आवश्यक है। उन्होंने बताया कि जब चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी आपसी समन्वय से कार्य करते हैं, तो मरीजों की जान बचाने में अधिक सफलता मिलती है।
अनुसंधान और भविष्य की दिशा
कार्यकारी अध्यक्ष डॉ इमरान ने आपातकालीन चिकित्सा के क्षेत्र में अनुसंधान की भूमिका पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि नई खोज और तकनीकों को अपनाकर आपातकालीन उपचार को और बेहतर बनाया जा सकता है। इस सम्मेलन के माध्यम से विद्यार्थियों को नवीनतम शोध और तकनीकी ज्ञान से अवगत कराया गया।
सम्मेलन की उपलब्धि
यह सम्मेलन विद्यार्थियों और विशेषज्ञों के लिए अत्यंत ज्ञानवर्धक रहा। इसमें आपातकालीन चिकित्सा से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया गया, जिससे इस क्षेत्र में कार्यरत लोगों को नई दिशा मिली। आयोजकों ने भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने की प्रतिबद्धता जताई, ताकि चिकित्सा क्षेत्र में निरंतर विकास हो सके।
