मनुष्य प्रकृति का अनुपम उपहार प्राकृतिक संपदाओं का संरक्षण करना हमारा अधिकार
- छात्र छात्राओं को दिलाया पेड़ पौधे जल संरक्षण कार्य का संकल्प
- पर्यावरण संरक्षण के प्रति अभी से सचेत नहीं हुए तो वह दूर नहीं जब मानव सभ्यता भी विलुप्त हो जाएगी
फुलवारीशरीफ, अजित। बुधवार को प्राथमिक विद्यालय प्रखंड कॉलोनी फुलवारी शरीफ पटना में अंतराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस मनाया गया। छोटे बच्चों को शिक्षिका नीतू शाही द्वारा जानकारी दिया गया की प्राकृतिक और पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में जैव विविधता का महत्व देखते हुए ही जैव विविधता दिवस को अंतराष्ट्रीय दिवस के रूप में 22 मई को मनाया जाता है। बच्चों को बताया गया लाखों विशिष्ट जैविक की कई प्रजातियों के रूप में पृथ्वी पर जीवन उपस्थित है,और हमारा जीवन प्रकृति का अनुपम उपहार है,इसलिए पेड़-पौधो ,अनेक प्रकार के जीव-जंतु,मिट्टी ,हवा,पानी, समुंद्र-नदियां ,महासागर इन सभी प्रकृति की देन का हमे सरंक्षण करना चाहिए। शिक्षिका द्वारा छोटे बच्चों को अभी से ही जैव विविधता का सरंक्षण के प्रति जागरूक किया जा रहा है ,इनका कहना है की अभी से छोटे बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण,जैव विविधता संरक्षण के बारे में पेंटिग प्रतियोगिता करवा कर जागरूक कर रही हूं ताकि ये बच्चें हमारे धरती मां से जुड़े रहे। छोटे उम्र से ही छात्र-छात्राएं अपने प्रकृति संप्रदायों का संरक्षण करना सीख जाएंगे तब उनका भविष्य आगे हरा भरा और खुशियों से भरा होगा। हमारी पृथ्वी जब तक सचेत नहीं होगी पर्यावरण संरक्षण के प्रति तब तक इस पृथ्वी की सुंदरता को हम नहीं बचा सकते। उन्होंने छात्र-छात्राओं को बताया कि आज अगर गर्मी के मौसम में इतनी अधिक गर्मी पड़ रही है कि बर्दाश्त करना मुश्किल है वही बरसात के मौसम में इतनी अधिक बारिश होगी कि उसे भी बर्दाश्त करना मुश्किल हो जाएगा। मौसम में ऐसा बदलाव प्राकृतिक से छेड़छाड़ एवं प्राकृतिक जनित संपदाओं के संरक्षण नहीं होने से हो रहा है। अगर हम अभी सचेत नहीं हुई तो आगे चलकर हम मानव जीवन और जीव जंतु का प्रकृति पर रहना बेहद मुश्किल हो जाएगा।।एक दिन हमारी जाती प्रजाति भी उन प्रजातियों की तरह विलुप्त हो जाएगी जिसे आज हम केवल फिल्मों के जरिए ही देख पाते है यह किताबों में उनके बारे में पड़कर उनके बारे में जानकारी लेते हैं। इस कार्यक्रम में मौजूद बड़ी संख्या में अभिभावकों ने भी शिक्षिका नीतू शाही के पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति सचेत करने के कार्य को देखकर उनकी हौसला अफजाई की गई।