त्योहारों में बिहार आने वाली सभी ट्रेनें फुल, रिजर्वेशन टिकट के लिए हो रही है मारामारी
- दुर्गा पूजा-दशहरा पर घर आने के लिए यात्रियों को करनी पर रही हैं जद्दोजहद, रिजर्वेशन काउंटर पर अहले सुबह से ही लग रही भीड़
पटना। देश के विभिन्न राज्यों में नौकरी और व्यवसाय करने वाले लोगों को दुर्गा पूजा और दशहरा पर बिहार आने के लिए ट्रेनों में टिकट नहीं मिल पा रहे हैं। जहानाबाद आने या फिर दूसरे राज्यों के यहां रह रहे लोगों को अपने गंतव्य तक जाने की चिंता सता रही है। कारण यह है कि मुसाफिरों को ट्रेनों में रिजर्वेशन टिकट नहीं मिल रही है। प्रीमियम ट्रेनें जैसे राजधानी,शताब्दी में रिजर्वेशन लिस्ट रिग्रेट हो गई है तो कई सुपरफास्ट ट्रेनों की हालत यह है कि 300 से अधिक तक वेटिंग लिस्ट देखकर लोग हताश हो जा रहे हैं। यात्री तत्काल कोटा से टिकट बुक करने में जुटे हैं, मगर यहां भी आपाधापी मची हुई है। ऐसी स्थिति में दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद समेत देश के अन्य महानगरों में रहने वाले लोग दशहरे पर्व पर अपने परिवार के पास पहुंच पाएंगे या नहीं इसे लेकर वे चिंतित हैं। जहानाबाद रेलवे स्टेशन के एकमात्र आरक्षित टिकट काउंटर पर भारी भीड़ पड़ रही है। तत्काल टिकट की स्थिति यह है कि संयोग से अगर पहले नंबर में खड़े व्यक्ति को टिकट मिल जाए तो वे भाग्यशाली कहे जा रहे हैं। इसके बाद कतार में खड़े अन्य लोग निराश होकर लौट जा रहे हैं। जिन लोगों ने दूसरे राज्यों से यहां आने के लिए तो टिकट करवा रखा है उन्हें अभी से ही लौटने की चिंता सता रही है। अपने परिजन को मोबाइल फोन से किसी भी तरह वापसी टिकट का जुगाड़ करने को कहा जा रहा है।
रिजर्वेशन काउंटर पर अहले सुबह से ही लग रही है भीड़
तत्काल टिकट काउंटर पर आलम यह है कि लोग अहले सुबह तीन-चार बजे भोर से ही स्टेशन पर पहुंचकर अपना नंबर
लगा रहे हैं। ताकि एक या दो नंबर पर रहते हुए उन्हें दिल्ली, मुंबई या कोलकाता तक जाने के लिए टिकट मिल सके। लेकिन उन्हें भी सफलता नहीं मिल रही है। लोग निराश-हताश होकर वापस लौट रहे हैं। दूसरी ओर कई लोग वेटिंग टिकट लेकर इस आशा में है कि वे टीटीई से ट्रेन में मैनेज कर सकते हैं। स्थिति यह है कि दशहरे से लेकर दीपावली और छठ तक लोगों को टिकट नहीं मिल पा रहा है।
पैसे देकर टिकट काउंटर पर लगवा रहे नंबर
वही जो लोग टिकट के लिए कतार में लगना नहीं चाहते, उन लोगों ने पैसे देकर किसी लड़के को लाइन में खड़ा कर नंबर लगाने का हथकंडा अपना रखा है ताकि समय होने के कुछ पहले तक वहां पहुंच जाएं और कंफर्म टिकट का आरक्षण कराने की कोशिश कर सकें। लेकिन ट्रेनों की स्थिति ऐसी है कि उन्हें सफलता नहीं मिल रही है। लोगों की परेशानी बढ़ी हुई।