नवादा में बालू लदे ट्रैक्टर ने बुजुर्ग को कुचला, मौके पर दर्दनाक मौत
नवादा। बिहार के नवादा जिले में सिरदला थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक सड़क दुर्घटना में एक 50 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई। इस हादसे में एक तेज रफ्तार ट्रैक्टर ने बुजुर्ग ललन कुमार को कुचल दिया, जिससे उनकी मौके पर ही मृत्यु हो गई। इस दुखद घटना ने न केवल स्थानीय ग्रामीणों में आक्रोश पैदा किया है, बल्कि क्षेत्र में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर सवाल भी खड़े किए हैं। मृतक की पहचान लौंद गांव के निवासी ललन कुमार के रूप में हुई है। घटना के समय ललन कुमार किसी काम के सिलसिले में बाइक से जा रहे थे, जब अचानक एक बालू लदा ट्रैक्टर ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि ललन कुमार ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। घटना के बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद नगर थाना प्रभारी अविनाश कुमार मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पोस्टमार्टम के बाद शव को उनके परिजनों को सौंप दिया गया। थाना प्रभारी अविनाश कुमार ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए बताया कि क्षेत्र में लगातार इस प्रकार की घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने तेज रफ्तार से चलते ट्रैक्टरों पर नियंत्रण की आवश्यकता पर जोर दिया। उनका मानना है कि इन हादसों के पीछे अवैध बालू खनन का एक बड़ा हाथ है, जो अब एक गंभीर समस्या बन चुका है। बिहार के कई क्षेत्रों की तरह नवादा में भी अवैध बालू खनन का व्यवसाय बड़े पैमाने पर चल रहा है। इस अवैध कारोबार के कारण ट्रैक्टर चालकों पर समय पर बालू पहुंचाने का दबाव रहता है, जिससे वे अक्सर तेज रफ्तार से वाहन चलाते हैं। बिना किसी डर के बालू लदे ट्रैक्टर लगातार सड़कों पर बेलगाम दौड़ते नजर आते हैं, जिससे सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। इस अनियंत्रित रफ्तार के कारण अक्सर निर्दोष राहगीर दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते हैं, और इसी वजह से ललन कुमार जैसे लोग अपनी जान गवां बैठते हैं। इस घटना के बाद स्थानीय निवासियों में प्रशासन के प्रति गहरी नाराजगी दिखाई दे रही है। ग्रामीणों का कहना है कि बार-बार ऐसी घटनाएं घटित होने के बावजूद प्रशासन की ओर से अवैध बालू खनन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। इसके कारण बालू माफिया और ट्रैक्टर चालक बेखौफ होकर सड़कों पर तेज रफ्तार में गाड़ियाँ दौड़ाते हैं। सड़क सुरक्षा को लेकर प्रशासन की लापरवाही और बालू खनन पर कोई सख्त नियम नहीं होने से आम जनता को अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ रही है। इस घटना ने स्थानीय ग्रामीणों में गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है। अब वे सड़कों पर उतर कर अवैध बालू खनन और तेज रफ्तार वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन को अब इस विषय पर गंभीरता से कदम उठाने चाहिए ताकि आगे कोई निर्दोष व्यक्ति इस प्रकार के हादसे का शिकार न हो। साथ ही, लोग यह भी मांग कर रहे हैं कि अवैध बालू खनन पर रोक लगाने के लिए अधिक पुलिस बल की तैनाती की जाए और ट्रैक्टर चालकों के लिए सख्त गति सीमा तय की जाए। ग्रामीणों का मानना है कि अगर प्रशासन अवैध बालू खनन को सख्ती से नियंत्रित कर दे, तो इस तरह की दुर्घटनाओं में कमी आ सकती है। ऐसे कई अन्य मामले भी सामने आए हैं, जहाँ ग्रामीणों ने बालू माफिया के खिलाफ आवाज उठाई है, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। नतीजतन, माफिया और ट्रैक्टर चालक कानून से बेखौफ होकर अपने काम को अंजाम देते रहते हैं, जिससे आम जनता को आए दिन अपनी सुरक्षा की चिंता सताती रहती है। नवादा की यह घटना एक बार फिर से यह सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर कब तक प्रशासन ऐसी घटनाओं पर मूकदर्शक बना रहेगा। ग्रामीणों की मांग है कि इस घटना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस और प्रशासन तुरंत सख्त कदम उठाएं। अवैध बालू खनन पर सख्त कार्रवाई, ट्रैक्टर चालकों पर निगरानी, और सड़कों पर तेज रफ्तार से चलने वाले वाहनों के खिलाफ सख्त चालान प्रक्रिया लागू होनी चाहिए, ताकि क्षेत्र में सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लग सके। नवादा के लोगों में बढ़ते सड़क हादसों और अवैध बालू खनन के खिलाफ अब एकजुटता देखी जा रही है। यह घटना एक चेतावनी है कि अगर प्रशासन ने जल्द ही उचित कदम नहीं उठाए, तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है, और ग्रामीण अपनी सुरक्षा के लिए खुद सड़कों पर उतर कर आंदोलन करने के लिए विवश हो सकते हैं।