सीबीएसई और आईसीएसई के 96 हज़ार से अधिक बच्चों ने बिहार बोर्ड में लिया ऐडमिशन, बढ़ती लोकप्रियता
पटना। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति हाल के वर्षों में न केवल अपनी कार्यप्रणाली में नवाचार कर रही है, बल्कि देशभर के छात्रों का विश्वास भी जीत रही है। इसका प्रमुख प्रमाण यह है कि सीबीएसई और आईसीएसई जैसे प्रमुख शिक्षा बोर्डों के हजारों विद्यार्थी हर साल बिहार बोर्ड के 11वीं कक्षा में नामांकन ले रहे हैं। वर्ष 2024 में बिहार बोर्ड के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में लगभग 96,000 विद्यार्थियों ने नामांकन लिया, जो इस बात का प्रमाण है कि बोर्ड की बढ़ती प्रतिष्ठा और शिक्षण पद्धति विद्यार्थियों को आकर्षित कर रही है।
आकर्षण के मुख्य कारण
बिहार बोर्ड की लोकप्रियता का सबसे बड़ा कारण इसकी परीक्षा प्रणाली है। बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर के अनुसार, बिहार बोर्ड के प्रश्नपत्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तर्ज पर तैयार किए जाते हैं। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि 12वीं के बाद विद्यार्थी विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर सकें। यह विशेषता विद्यार्थियों और अभिभावकों के बीच इसे अन्य बोर्डों की तुलना में अधिक प्रासंगिक और उपयोगी बनाती है। इसके अतिरिक्त, बोर्ड ने अपनी परीक्षा प्रणाली को पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। परीक्षा के सभी चरण, जैसे प्रश्नपत्र तैयार करना, मूल्यांकन और परिणाम घोषित करना, पूरी तरह से कंप्यूटरीकृत कर दिए गए हैं। इससे न केवल समय की बचत हुई है बल्कि त्रुटियों की संभावना भी कम हुई है।
डिजिटल युग में कदम
बिहार बोर्ड तकनीकी नवाचारों को अपनाने में भी आगे है। परीक्षा भवनों में ऑनलाइन परीक्षा की व्यवस्था की जा रही है, और विभिन्न प्रक्रियाओं में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का उपयोग किया जा रहा है। परीक्षा में किसी भी तरह की अनियमितता को रोकने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का सहारा लिया जा रहा है। इसके अलावा, विद्यार्थियों और शिक्षकों की समस्याओं को तेजी से सुलझाने के लिए बोर्ड ने चैटबॉट जैसी सेवाएं भी शुरू की हैं। यह कदम बोर्ड को एक आधुनिक और छात्र-केंद्रित संस्था के रूप में स्थापित करता है।
अन्य बोर्डों के विद्यार्थियों का बढ़ता रुझान
पिछले कुछ वर्षों में सीबीएसई और अन्य बोर्डों के विद्यार्थियों का बिहार बोर्ड की ओर झुकाव तेजी से बढ़ा है। आंकड़ों के अनुसार, 2018 से 2024 के बीच लगभग 7 लाख विद्यार्थियों ने बिहार बोर्ड के शिक्षण संस्थानों में 11वीं कक्षा में नामांकन लिया। यह रुझान दिखाता है कि बिहार बोर्ड की परीक्षा प्रणाली अन्य बोर्डों के विद्यार्थियों के लिए भी आकर्षक हो रही है।
प्रतिष्ठा और पुरस्कार
बिहार बोर्ड को अपनी परीक्षा प्रणाली में सुधारों के लिए कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं। प्रधानमंत्री पुरस्कार के तहत इसे लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार बिहार बोर्ड की पारदर्शिता और दक्षता को मान्यता देता है।
परिणाम और नवाचार का प्रभाव
बिहार बोर्ड की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि परीक्षा परिणाम समय पर घोषित किए जाते हैं। बोर्ड ने विद्यार्थियों के लिए कई अनुकूल कदम उठाए हैं, जैसे – मूल्यांकन प्रक्रिया को स्वचालित करना और आंतरिक प्रक्रियाओं में तकनीकी सुधार करना। इससे न केवल छात्रों को परीक्षा और परिणामों को लेकर आत्मविश्वास मिलता है, बल्कि अभिभावकों का भी भरोसा बढ़ा है।
भविष्य की ओर एक कदम
बिहार बोर्ड लगातार अपने प्रयासों से यह साबित कर रहा है कि वह सिर्फ एक राज्य स्तरीय बोर्ड नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रभावशाली परीक्षा संस्था बनने की ओर अग्रसर है। डिजिटल तकनीकों का उपयोग, परीक्षा प्रणाली में सुधार, और विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करना इसके दीर्घकालिक दृष्टिकोण को परिभाषित करता है। बिहार बोर्ड ने दिखा दिया है कि पारंपरिक शिक्षा प्रणाली को आधुनिक तकनीकों के साथ जोड़कर विद्यार्थियों को न केवल बेहतर शिक्षा दी जा सकती है, बल्कि उन्हें भविष्य की प्रतिस्पर्धा के लिए भी तैयार किया जा सकता है। यही कारण है कि यह बोर्ड अब न केवल बिहार के, बल्कि देश के अन्य राज्यों के विद्यार्थियों के बीच भी एक विश्वसनीय विकल्प बन चुका है।