किशनगंज समेत 3 जिलों में आंधी और बारिश का अलर्ट, विभाग ने किया सावधान, पटना में भी तेज हवाएं

पटना। बिहार में मौसम का मिजाज इन दिनों पूरी तरह बदला हुआ है। राज्य के कई हिस्सों में तेज आंधी और बारिश का सिलसिला जारी है। मौसम विज्ञान केंद्र ने शनिवार को तीन जिलों—किशनगंज, अररिया और पूर्णिया के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा, नौ जिलों में यलो अलर्ट घोषित किया गया है। इस दौरान 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार, यह स्थिति 15 अप्रैल तक बनी रह सकती है।
पटना सहित कई जिलों में तेज हवाएं
राजधानी पटना समेत राज्य के कई हिस्सों में शुक्रवार को तेज हवाएं चलीं और कहीं-कहीं बारिश भी हुई। पूर्णिया जिले के भवानीपुर में सबसे ज्यादा 74.2 मिमी बारिश दर्ज की गई है। पटना मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों के अनुसार, यह प्री-मानसून गतिविधियों का हिस्सा है, जो हर साल इस मौसम में देखने को मिलती हैं। विभाग ने पहले ही इसका पूर्वानुमान जताया था। अगले पांच दिनों तक इसी तरह की स्थिति बने रहने की आशंका जताई गई है।
आकाशीय बिजली से खतरा, जागरूकता की कमी
राज्य में आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं भी लगातार बढ़ रही हैं। आंकड़ों के अनुसार, आकाशीय बिजली गिरने के मामले में बिहार देश में दूसरे स्थान पर है। हालांकि, अन्य राज्यों की तुलना में बिहार में इससे मौतें ज्यादा होती हैं, जिसका मुख्य कारण लोगों में जागरूकता की कमी है। मौसम खराब होते ही लोगों को कम से कम आधे घंटे के लिए सभी बाहरी गतिविधियां रोक कर सुरक्षित जगह पर चले जाना चाहिए।
अप्रैल में सामान्य से ज्यादा बारिश
इस बार अप्रैल महीने में सामान्य से 150 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई है। जहां सामान्य रूप से इस अवधि में 11.2 मिमी बारिश होती है, वहीं इस बार 28 मिमी बारिश हो चुकी है। लगातार हो रही बारिश और आंधी के कारण प्रदेश के अधिकतम तापमान में गिरावट आई है। तापमान 27 से 35 डिग्री सेल्सियस के बीच रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य से लगभग 5 डिग्री कम है। वहीं न्यूनतम तापमान 18 से 24 डिग्री के बीच रहा।
फसलों को भारी नुकसान
बेमौसम बारिश और तेज हवाओं से राज्य की कृषि व्यवस्था पर भी असर पड़ा है। गेहूं, आम, लीची और मक्का जैसी फसलों को नुकसान हुआ है। उत्तर बिहार में जहां गेहूं की कटाई हो चुकी है, वहीं दक्षिण बिहार में अब भी फसल खेतों में खड़ी है। बारिश के कारण गेहूं की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। तेज आंधी से आम के टिकोले और लीची के फल झड़ गए हैं। कृषि विभाग ने सभी जिला कृषि पदाधिकारियों को फसलों के नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं, ताकि नुकसान की भरपाई की जा सके।
