बिहार के आधारभूत संरचनाओं पर खर्च होंगे 48 हजार करोड रुपए, कई संस्थाओं से फंड जुटाएगी सरकार
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के आर्थिक विकास और आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने राज्य में करीब 48,000 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना बनाई है, जो कि राज्य के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह राशि राज्य सरकार कर्ज के माध्यम से जुटाएगी, और इस प्रक्रिया को लेकर वित्त विभाग ने अपनी कार्ययोजना को अंतिम रूप देने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। इस योजना के तहत, सरकार अलग-अलग वित्तीय संस्थाओं से ऋण लेगी, जिसमें कम और लंबी अवधि, दोनों प्रकार के ऋण शामिल होंगे। इस आर्थिक पहल का मुख्य उद्देश्य राज्य की आधारभूत संरचना को मजबूत करना और राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा देना है। इसके साथ ही, इससे बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी सृजित होने की संभावना है, जो राज्य के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, नीतीश सरकार ने इस राशि को जुटाने के लिए कई वित्तीय संस्थाओं और ओपन मार्केट से सहायता लेने का निर्णय लिया है। इनमें नाबार्ड, नेशनल हाउसिंग बैंक (एनएचबी), सिडबी, और विदेशी फंडिंग एजेंसियां शामिल हैं। नाबार्ड से 2700 करोड़ रुपये, एनएचबी से 300 करोड़ रुपये, और सिडबी से 300 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे। शेष राशि ओपन मार्केट और विदेशी फंडिंग एजेंसियों से ली जाएगी। इस तरह की व्यवस्था से सरकार को एक स्थायी और सुसंगत वित्तीय आधार मिलेगा, जिससे विभिन्न विकास परियोजनाओं को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित किया जा सकेगा। बिहार सरकार की इस योजना का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में समान रूप से विकास कार्यों को क्रियान्वित करेगी। विशेष रूप से, ग्रामीण क्षेत्रों में नाबार्ड से प्राप्त होने वाली राशि को कृषि विकास पर खर्च किया जाएगा। इसके तहत ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए आधारभूत संरचना के निर्माण, अनाज गोदामों के निर्माण, और अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं को पूरा किया जाएगा। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि उत्पादन बढ़ेगा और किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। सिडबी से प्राप्त होने वाली राशि का उपयोग औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिकों के कल्याण के लिए किया जाएगा। इसके तहत श्रमिकों के बच्चों के लिए स्कूल भवनों का निर्माण, श्रमिकों के लिए आवासीय सुविधाओं का विकास, और अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं को लागू किया जाएगा। यह कदम श्रमिकों के जीवन स्तर को सुधारने में मदद करेगा और औद्योगिक क्षेत्रों में स्थिरता लाने में सहायक होगा। इसके अलावा, नेशनल हाउसिंग बैंक (एनएचबी) से प्राप्त होने वाली राशि का उपयोग शहरी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए किया जाएगा। इसके तहत विभिन्न स्थानों पर प्याऊ, बस स्टैंड, शवदाह गृह, और शहरी विकास से जुड़े अन्य आवश्यक कार्य पूरे किए जाएंगे। ये सुविधाएं शहरी निवासियों के जीवन को सुगम बनाएंगी और शहरों के विकास में योगदान देंगी। नीतीश कुमार का यह कदम बिहार की आर्थिक प्रगति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। इस बड़े वित्तीय निवेश से राज्य के विकास को गति मिलेगी, और राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। इसके साथ ही, रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे, जो राज्य के निवासियों के लिए एक बेहतर भविष्य का निर्माण करेंगे। कुल मिलाकर, यह निर्णय बिहार के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है, जो आने वाले वर्षों में राज्य को एक नई दिशा में ले जाएगी।