पटना हाईकोर्ट ने न्याय व्यवस्था के प्रति आस्था को मजबूत करते हुए राज्य सरकार के सोंच पर मुहर लगायी है : जगदानन्द सिंह
पटना। राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष जगदानन्द सिंह ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पटना उच्च न्यायालय द्वारा जातीय गणना पर दिया गया फैसला न्याय व्यवस्था के प्रति आस्था बढ़ी और इस फैसले का हमसभी सर झुकाकर सम्मान करते हैं और इसी तरह से न्याय मिलता रहे इसकी कामना करते हैं। कुछ लोगों ने अनर्थ तर्क के माध्यम से ऐसे कार्यों को रूकवाने का भरसक प्रयास किया लेकिन न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला देकर जातीय गणना के प्रति सरकार की जो सोंच थी कि इसके माध्यम से शिक्षा, स्मृद्धि, सामाजिक रूप से पिछड़ेपन को दूर करने के साथ-साथ उनके संख्या और उनकी पहचान को मजबूत बनाना चाहती है, इस फैसले से उस पर मुहर लगा। यह एक ऐसा पवित्र कार्य था जो देश की मुख्य धारा में रहन-सहन, शिक्षा एवं सामाजिक स्तर पर वंचितों को ऊँचा उठाने का प्रयास है। इन्होंने आगे कहा कि संसद में लालू जी ने लड़ाई लड़ी। ये किसी पार्टी के खिलाफ लड़ाई नहीं था बल्कि भारत में उचित वातावरण का निर्माण हो इसके लिए लड़ाई लड़ी थी। समाजवादियों ने कभी भी जात-पात की राजनीति नहीं की बल्कि बेहतर समाज के निर्माण के लिए पुरखों के संघर्षों और विचारों पर कमजोर को न्याय देकर उनको आशा और अधिकार से जोड़ने का काम किया। केन्द्र सरकार ने इस संबंध में पहले ही कहा था कि हम अवरोधक नहीं बनेंगे, राज्य सरकार चाहे तो अपने स्तर से करा सकती है। उसके बाद ही बिहार सरकार ने सभी की सहमति से जातीय गणना कराया, जो समाज के सबसे वंचित है उनकी चिंता करने वाले लोगों ने उनको अधिकार दिलाने के लिए काम किया। लालू जी और पुराने समाजवादियों ने जो कहा है उसे पटना उच्च न्यायालय ने उस पर मुहर लगायी। इन्होंने कहा कि कदम-कदम पर अवरोध खड़ा करने का कार्य किया गया और न्यायालय में इसे चुनौती दी गई। लेकिन न्यायालय ने कहा कि जातीय गणना किसी का अधिकार छिनने के लिए नहीं बल्कि किसी को अधिकार और हक देने के लिए है। इन्होंने कहा कि भूख समदर्शी होता है। राजा हो या रंक सबको भूख लगती है। बिहार सरकार की व्यवस्था ने गरीबों की भूख मिटाने तथा बेहतर शिक्षा के लिए जो कार्य किया है ये सामाजिक स्तर पर लोगों को ऊँचा उठाने का सार्थक प्रयास है। इन्होंने पटना उच्च न्यायालय के फैसले की काॅपी को पढ़कर भी पत्रकारों को सुनाया और कहा कि इस फैसले से हमसभी को खुशी है। इन्होंने कहा कि भारत के संविधान में कहीं भी जातीय जनगणना कराने का अवरोध नहीं है, इसलिए केन्द्र सरकार जातीय जनगणना कराकर लोगों के साथ न्याय करे। प्रदेश राजद के प्रवक्ता एजाज अहमद ने बताया कि अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अरविन्द कुमार सहनी ने इस ऐतिहासिक फैसले की खुशी में अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ की ओर से लोगों के बीच मिठाईयां बांटी और प्रदेश अध्यक्ष सहित सभी नेताओं को लड्डू खिलाकर मुंह मीठा कराया। इस अवसर पर संवाददाता सम्मेलन में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उदय नारायण चैधरी, राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक, प्रदेश प्रधान महासचिव रणविजय साहू, प्रदेश मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव सहित अन्य गणमान्य नेतागण उपस्थित थे।