प्रशांत किशोर का राजद और बीजेपी पर हमला, कहा- ये हमें ‘बी टीम’ कहते है, पर अकेले इनकी कोई हैसियत नहीं
- बीजेपी ने 42 सीट वाले नीतीश को सीएम बना रखा, आरजेडी भी नीतीश के लिए तैयार, अकेले इनका कोई वजूद नहीं
पटना। जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने शनिवार को बिहार की मौजूदा राजनीति पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने आरजेडी और बीजेपी दोनों पर निशाना साधते हुए कहा कि ये पार्टियां एक-दूसरे को मजबूत करने के सहारे राजनीति करती हैं। प्रशांत किशोर ने कहा कि आरजेडी और बीजेपी दोनों ही हमें अपनी बी टीम कहते हैं, जबकि सच्चाई यह है कि जन सुराज केवल जनता की बी टीम है। उन्होंने तेजस्वी यादव और उनके समर्थकों पर पलटवार करते हुए कहा कि आरजेडी और बीजेपी दोनों बिहार में मुफ्त वोट लेने के आदी हो चुके हैं। लेकिन उनकी असलियत यह है कि बिहार में इनका खुद का कोई ठोस आधार नहीं है।
प्रशांत किशोर का भाजपा पर निशाना
प्रशांत किशोर ने भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि पार्टी का बिहार में अपना कोई राजनीतिक वजूद नहीं है। उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को महज 19 प्रतिशत वोट मिले थे। इसके बावजूद उन्होंने केवल 42 सीटों पर जीत दर्ज करने वाले नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाकर अपनी सत्ता सुरक्षित रखी। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार में पार्टी का कोई स्पष्ट नेता या नीति नहीं है। प्रशांत किशोर ने कहा कि भाजपा ने अन्य राज्यों में जिस तरह छोटे दलों को तोड़कर और राजनीतिक चालों से सत्ता हासिल की है, वैसा बिहार में करने की हिम्मत नहीं जुटा पाई।
लालू और नीतीश का राज है बदहाली की जड़: पीके
प्रशांत किशोर ने बिहार की बदहाली के लिए आरजेडी और जेडीयू को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि लालू यादव के समय “जंगल राज” और नीतीश कुमार के शासन में “अफसर राज” ने बिहार की प्रगति को ठप कर दिया है। उनका कहना था कि कांग्रेस और भाजपा ने केवल अपनी सरकारें बचाने के लिए लालू और नीतीश को बिहार सौंप दिया। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, “क्या इन राष्ट्रीय पार्टियों को यह नहीं पता कि बिहार देश का सबसे गरीब राज्य है? क्या उन्हें यह नहीं पता कि पलायन यहां की सबसे बड़ी समस्या है?” प्रशांत किशोर ने कहा कि लालू और नीतीश की राजनीति केवल जनता को जातिवाद और वादों के मकड़जाल में फंसाने की रही है। बिहार की जनता आज भी बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है।
बीजेपी और आरजेडी एक-दूसरे पर निर्भर
प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार की राजनीति में भाजपा और आरजेडी एक-दूसरे को मजबूत करने के लिए काम करती हैं। उनका तंज था कि भाजपा का अस्तित्व केवल इसलिए है क्योंकि उन्होंने नीतीश कुमार को समर्थन दिया हुआ है, और आरजेडी का अस्तित्व जातिगत समीकरणों के सहारे टिका हुआ है। उन्होंने भाजपा पर यह आरोप भी लगाया कि बिहार की समस्याओं को दूर करने में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा का ध्यान केवल राजनीतिक लाभ लेने और अपने समर्थन को बचाने पर है।
बिहार में बदलाव की जरूरत
प्रशांत किशोर ने बिहार के युवाओं से अपील की कि वे राज्य की राजनीति में बदलाव लाने के लिए आगे आएं। उन्होंने कहा कि जब तक बिहार में जाति और धर्म की राजनीति खत्म नहीं होती, तब तक राज्य की हालत नहीं सुधरेगी। उन्होंने जन सुराज अभियान को जनता का मंच बताते हुए कहा कि यह अभियान बिहार को एक नई दिशा देने के लिए शुरू किया गया है। बिहार के विकास के लिए अब समय आ गया है कि जनता पुराने ढर्रे की राजनीति को छोड़कर नई सोच को अपनाए। प्रशांत किशोर के बयान ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। उन्होंने आरजेडी, जेडीयू और भाजपा को एक साथ कठघरे में खड़ा कर उनकी कमजोरियों को उजागर किया। उनके विचारों से यह स्पष्ट है कि वे बिहार को राजनीतिक जड़ता से बाहर निकालना चाहते है। बिहार की जनता को अब तय करना होगा कि वे पुरानी राजनीति के दायरे में रहना चाहते हैं या विकास के लिए एक नई राह अपनाने को तैयार हैं। प्रशांत किशोर का यह बयान केवल एक राजनीतिक टिप्पणी नहीं है, बल्कि बिहार की राजनीति में एक नई बहस की शुरुआत भी है।