September 22, 2024

केंद्रीय कैबिनेट विस्तार से पहले इस्तीफों की लगी झड़ी, 14 मंत्रियों का इस्तीफा, कोरोना और बंगाल चुनाव का दिखा साफ

CENTRAL DESK : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैबिनेट विस्तार से पहले पुराने मंत्रियों के इस्तीफों की झड़ी लग गई। 14 मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं। इन इस्तीफों के पीछे कोरोना और बंगाल चुनाव का असर साफ दिख रहा है। कोरोना की दूसरी लहर में हेल्थ सर्विसेस की खराब स्थिति ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की छुट्टी करा दी, तो उनके विभाग के राज्यमंत्री अश्विनी चौबे को भी एंबुलेंस विवाद के कारण पद छोड़ना पड़ा है। बंगाल में भाजपा की हार का असर भी साफ नजर आया और बंगाल के दो मंत्रियों बाबुल सुप्रियो और देबोश्री चौधरी को भी मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। वहीं शाम को रविशंकर प्रसाद और प्रकाश जावड़ेकर ने भी इस्तीफा दे दिया। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि पीएम मोदी ने अपने कैबिनेट को नया रंग देने की कोशिश की है। जो जानकारी सामने आ रही है, के मुताबिक पीएम मोदी ने जाति, युवा और महिला सभी वर्गों का ख्याल रखा है।
जानकारी के अनुसार, अब तक जिन मंत्रियों की कुर्सी गई है, उनमें स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, महिला बाल विकास मंत्री देबोश्री चौधरी, आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद, सूचना जनसंपर्क मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, उर्वरक और रसायन मंत्री सदानंद गौड़ा, श्रम राज्य मंत्री संतोष गंगवार, शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे, बाबुल सुप्रियो, प्रताप सारंगी और रतन लाल कटारिया शामिल हैं। वहीं केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत बीते मंगलवार को ही इस्तीफा दे चुके हैं। उन्हें कर्नाटक का राज्यपाल बनाया गया है।
कोरोना से तीन विभागों पर सबसे ज्यादा असर
स्वास्थ्य मंत्रालय: कोरोना की दूसरी लहर में फेल, दोनों मंत्री हटाए गए।
शिक्षा मंत्रालय: नई शिक्षा नीति का सरकार को उतना श्रेय नहीं मिला, दोनों मंत्री हटाए गए।
श्रम मंत्रालय: श्रमिकों के पलायन, सुप्रीम कोर्ट की फटकार, असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिये पोर्टल नहीं बना।
बंगाल में मिली हार का शिकार बने बाबुल और देबोश्री
बाबुल सुप्रियो: मंत्री होकर भी विधायक का चुनाव हारे।
देबोश्री चौधरी: बंगाल चुनाव में असर नहीं छोड़ पाईं।
इस्तीफा देने वाले 11 मंत्री 60 साल से अधिक के
रविशंकर प्रसाद (61 साल) : रविशंकर प्रसाद मोदी सरकार में कानून मंत्री रहे।
प्रकाश जावड़ेकर (70 साल) : मोदी सरकार में सूचना और प्रसारण मंत्री रहे प्रकाश जावड़ेकर अक्सर कैबिनेट ब्रीफिंग के समय दिखाई देते थे।
रमेश पोखरियाल निशंक (61 साल) : उत्तराखंड के 5वें मुख्यमंत्री रह चुके हैं। हरिद्वार से लोकसभा सांसद। मोदी 2.0 में मानव संसाधन विकास मंत्री और केंद्रीय शिक्षा मंत्री थे।
थावरचंद गहलोत (73 साल) : मध्यप्रदेश के शाजापुर से लोकसभा सदस्य रहे चुके हैं। मध्यप्रदेश से राज्यसभा सांसद बने। राज्यसभा में सदन प्रमुख भी रहे। पहली मोदी सरकार में सामाजिक न्याय व सशक्तीकरण मंत्रालय में मंत्री रहे। उन्हें कर्नाटक का गर्वनर बनाया गया है।
सदानंद गौड़ा (68 साल) : बेंगलुरु उत्तर से लोकसभा सांसद। मोदी सरकार में रेलवे मंत्रालय, कानून और न्याय मंत्रालय, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय संभाल चुके हैं। वर्तमान में रसायन व उर्वरक मंत्री थे।
संतोष गंगवार (72 साल) : उत्तर प्रदेश के बरेली से लोकसभा सांसद। वित्त मंत्रालय और कपड़ा मंत्रालय में राज्य मंत्री रह चुके हैं। मोदी 2.0 की पहली कैबिनेट में श्रम एवं रोजगार मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) थे।
संजय धोत्रे (62 साल) : महाराष्ट्र के अकोला से लोकसभा सांसद। मोदी मंत्रिमंडल में शिक्षा राज्य मंत्री, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री और सूचना मंत्रालय में राज्य मंत्री थे।
प्रताप सारंगी (66 साल) : 2019 में ओडिशा के बालासोर से लोकसभा सांसद बने। सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम मंत्रालय के साथ पशुपालन, डेयरी व मत्सय पालन मंत्रालय के राज्यमंत्री थे।
रतन लाल कटारिया (69 साल) : 2014 में हरियाणा के अंबाला से लोकसभा सांसद बने। मोदी 2.0 की पहली कैबिनेट में जल शक्ति मंत्रालय में राज्य मंत्री थे।
अश्विनी कुमार चौबे (68 साल) : बिहार के बक्सर से लोकसभा सांसद। मोदी मंत्रिमंडल में स्वास्थ्य व परिवार कल्याण में राज्य मंत्री थे।

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