PATNA : पीड़ित ने ऐसा गांव ढूंढ़ निकाला, जहां चोरी की गाड़ियों के पार्ट्स खोलकर किए जाते हैं अलग
पटना। बाइक चोरी की घटना में पुलिस की सुस्ती देख एक पीड़ित ने खुद इंवेस्टीगेशन कर डाली। पुलिस मुकदमा दर्ज कर जांच की बात कहती रही और पीड़ित ने 24 घंटे में एक ऐसा गांव ढूंढ़ निकाला, जहां चोरी की गाड़ियों के पार्ट्स खोलकर अलग किए जाते हैं। सड़क से लेकर खेत तक हर तरफ पार्ट्स ही पार्ट्स मिले।
पीड़ित माधव पटना के खगौल के रहने वाला हैं और बीईंग हेल्पर फाउंडेशन (शनि सिंह राजपूत) टीम के सदस्य हैं। माधव ने बताया किउनके मामा भुवन रेलवे में ही काम करते हैं। बीते बुधवार 8 दिसंबर को भुवन दानापुर रेलवे स्टेशन गए थे और वहां से शाम के 4-5 बजे उनकी रेड कलर की स्प्लेंडर बाइक चोरी हो गई। घटना के बाद वह रात में ही खगौल थाना गए, लेकिन पुलिस ने मुश्किल से आवेदन लिया। माधव ने बताया कि बाइक में जीपीएस है और पुलिस चाहे तो उसे आसानी से बरामद किया जा सकता है। इस पर थानेदार ने कहा कि इतनी जानकारी है तो खुद ढूंढ़ लीजिए। इसके बाद माधव बाइक की तलाश में नौबतपुर थाना से 2 किमी की दूरी पर महाराजगंज गांव पहुंच गए। रोनी, आकाश, राजा और रिजी के साथ गांव पहुंचते ही माधव के होश उड़ गए। सड़क से लेकर गांव के खेत तक हर तरफ गाड़ी के पार्ट्स ही पड़े थे। बोरे में भरकर नई-नई गाड़ियों के पार्ट्स कहीं जमीन में छिपाकर रखे गए थे, बाइक और कार के नए-नए इंजन के साथ अन्य पार्ट्स भी अधिक संख्या में बरामद हुए। माधव का कहना है कि सरगना इतना खतरनाक है कि गांव के लोग भी चुप्पी साधे हुए थे। आरोप है कि पुलिस भी कोई कार्रवाई करने से डर रही थी।
माधव का कहना है कि पुलिस को लगातार फोन किया जा रहा था, लेकिन वह बहाना करती रही। 3 घंटे बाद पुलिस तो पहुंची, लेकिन उस बंद घर में छापेमारी नहीं की जहां चोरी की बाइक का जीपीएस लोकेशन बता रहा था। पुलिस के सामने युवकों ने बंद घर का ताला तोड़ दिया, लेकिन इसके बाद भी पुलिस की हिम्मत नहीं हुई कि वह अंदर छापेमारी कर सके। पुलिस कार्रवाई करने में पूरी तरह से फेल नजर आई।
माधव का कहना है कि इस धंधे का सरगना मुकेश उर्फ कबीर है, जिसके खिलाफ कार्रवाई करने में पुलिस भी हिम्मत नहीं जुटा पाती है। मुकेश के घर जाने वाले रास्ते में गाड़ियों के पार्ट्स कई बोरे में रखे थे। आसपास कोई ऐसा एरिया नहीं था, जहां भारी संख्या में गाड़ियों के पार्ट्स न मिले हों। एक नई स्विफ्ट कार भी मिली, लेकिन पुलिस ने उसकी कोई जांच पड़ताल नहीं की है। 8 से अधिक बड़ी गाड़ियों की चेचिस मिली हैं। अगर पुलिस छापेमारी करे तो बड़ा खुलासा हो सकता है।