बिहार के जननायक कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत मिला भारत रत्न, राष्ट्रपति ने दिया सम्मान

पटना। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर को देश के सबसे बड़े सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया। शनिवार को दिल्ली में राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में समारोह आयोजित किया गया जिसमें देश के 5 विभूतियों को यह सम्मान मिला। बिहार के लिए भी आज का दिन ऐतिहासिक हुआ। पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत मिले भारत रत्न सम्मान को उनके पुत्र सह जदयू सांसद रामनाथ ठाकुर ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से प्राप्त किया। इस समारोह में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व दोनों उपमुख्यमंत्री वगैरह भी शामिल हुए। कुल 5 विभूतियों को यह सम्मान मिला है। कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न सम्मान मिला तो इस पल का गवाह बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी बने। राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में सीएम नीतीश भी मौजूद रहे। वहीं बिहार के दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा भी इस समारोह में शिरकत किए। चिराग पासवान समेत अन्य नेता भी इस समारोह में पहुंचे। इस सम्मान समारोह में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे तथा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत कई लोग मौजूद रहे।
100वीं जयंती के एक दिन पहले हुई थी घोषणा
कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न मिलने से पूरे बिहार में खुशी की लहर है। कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती के एक दिन पहले ही 23 जनवरी 2024 को उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा राष्ट्रपति कार्यालय से कर दी गयी थी। खुद पीएम नरेंद्र मोदी व सीएम नीतीश कुमार समेत अन्य नेताओं ने इसका स्वागत किया था। कर्पूरी ठाकुर के योगदान को सदैव याद किया जाता है। पक्ष और विपक्ष के तमाम नेताओं ने उन्हें भारत दिए जाने के फैसले का स्वागत किया है। कर्पूरी ठाकुर को उनके साधारण जीवनशैली और भ्रष्टाचार रहित राजनीतिक सफर के कारण उन्हें जननायक कहा जाता है। वो नाई समाज से ताल्लुक रखते थे। कर्पूरी ठाकुर 2 बार बिहार के मुख्यमंत्री बने और एकबार उपमुख्यमंत्री बने थे। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में कभी भी विधानसभा चुनाव नहीं हारा। इमरजेंसी की समाप्ति के बाद 1977 के लोकसभा चुनाव के मैदान में कर्पूरी ठाकुर समस्तीपुर सीट से पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ने उतरे। जनता पार्टी का उम्मीदवार बनकर उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी को तब 3 लाख से अधिक मतों से हराया था। सर्वाधिक अंतराल से जीत का रिकॉर्ड आज भी बरकरार है। हालांकि 1984 का आम चुनाव कर्पूरी ठाकुर हार गए थे। पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उमड़ी सहानभूति लहर में भी तब उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार को कड़ी टक्कर दी थी।
कुल 5 विभूतियों को मिला भारत रत्न सम्मान
कर्पूरी ठाकुर के अलावा पूर्व उपप्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी, पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह, नरसिम्हा राव और डॉ। एमएस स्वामीनाथन को भी भारत रत्न से सम्मानित किया गया है। मिली जानकारी के अनुसार, लाल कृष्ण आडवाणी को उनके घर जाकर राष्ट्रपति ये सम्मान सौंपेंगी।

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