PATNA : अब कैदी नंबर से पुकारे जाएंगे गांधी मैदान बम ब्लास्ट में सजायाफ्ता आतंकवादी, बेउर जेल की स्थिति बदली-बदली दिखी
* सभी नौ सजायाफ्ता कैदी को उनका कारा में मिल गया कैदी नंबर, चेहरे पर डर और खौफ का दिखा मंजर साफ
* सजायाफ्ता कैदियों को के लिए अलग-अलग सेल की व्यवस्था की गई
फुलवारी शरीफ (अजीत)। पटना के बेउर जेल की स्थिति मंगलवार को काफी बदली-बदली नजर आई। गांधी मैदान ब्लास्ट के सभी आतंकियों को आज उनका कैदी नंबर दे दिया गया। इसके साथ ही अब सजायाफ्ता कैदियों को उनके नंबर से ही बुलाया जाएगा। जेल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार फांसी की सजा मिले आतंकियों में नोमान अंसारी को कैदी नंबर 11288, हैदर अली उर्फ अब्दुल्ला उर्फ ब्लैक ब्यूटी को 10305, मोहम्मद मुजीब उल्लाह अंसारी को कैदी नंबर 10304, इम्तियाज अंसारी उर्फ आलम को कैदी नंबर 10306 मिला है, वहीं उम्रकैद की सजा वाले कैदियों में उमर सिद्दीकी को 10307 और अजहर उद्दीन कुरैशी को 10308 कैदी नंबर दी गई है। 10 साल की सजायाफ्ता आतंकियों में मोहम्मद हुसैन को 11291 और फिरोज आलम उर्फ पप्पू को 11290 जबकि 7 साल की सजा पाए इफ्तेखार आलम को कैदी नंबर 11289 दिया गया है।
वहीं मंगलवार को बेउर जेल की स्थिति काफी बदली बदली नजर आ रही थी। सजा सुनाए जाने के बाद जैसे ही सभी नौ आतंकी पटना के बेउर जेल पहुंचे उनके चेहरे पर डर और खौफ का मंजर साफ-साफ नजर आ रहा था। स्थिति यह थी कि रात में सभी ने ठीक से खाना भी नहीं खाया। इसके साथ ही सभी कैदियों को उनके लिए अलग सेल की व्यवस्था की गई है। अब के बाद वे सभी जेल में सिले गए कैदी के ड्रेस को ही पहनेंगे। इसके लिए जेल की तरफ से उन कैदियों के ड्रेस की नाप ली गई।
जेल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, फांसी की सजा पाए बंधुओं के लिए पजामे में नाड़े की व्यवस्था नहीं होती है। इसके अलावा उनके सेल के अंदर किसी तरह का कोई बिजली का कनेक्शन या फिर पंखे की व्यवस्था नहीं की जाती है। जेल सूत्र बताते हैं कि ऐसा प्रावधान इसलिए भी है क्योंकि फांसी की सजा पाए सजायाफ्ता बंदी किसी तरह की कोई अप्रिय घटना को अंजाम न दे दे। इतना ही नहीं ‘पुण्य कैसे’ लिख कर बाहर एक सुरक्षा बल की ड्यूटी 24 घंटे लगाई जाती है ताकि उन पर कड़ी निगरानी रखी जाए।