बांका में सड़क हादसा: बासुकीनाथ से लौट रहे श्रद्धालुओं का ट्रैक्टर पलटा, दो महिलाओं की मौत
बांका। बिहार के बांका जिले में मंगलवार देर रात एक दुखद सड़क हादसा हुआ, जिसमें बासुकीनाथ से पूजा कर लौट रहे श्रद्धालुओं से भरा ट्रैक्टर अनियंत्रित होकर पलट गया। इस हादसे में दो महिला श्रद्धालुओं की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 20 अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। यह घटना देवघर-सुल्तानगंज मुख्य पथ के जिलेबियामोड़ के पास हुई। हादसे के बाद स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेलहर पहुंचाया गया। चिकित्सकों ने 9 श्रद्धालुओं की गंभीर हालत देखते हुए उन्हें बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल बांका रेफर कर दिया। मृतकों की पहचान कैलाश सिंह उर्फ भिखारी सिंह की पत्नी मीना देवी (60) और सुल्तान सिंह की पत्नी उर्मिला देवी (65) के रूप में हुई है। सभी घायल और मृतक मुंगेर जिले के तारापुर थाना क्षेत्र के धनपुरा माधोडीह गांव के निवासी हैं। हादसे के समय ट्रैक्टर पर कुल 40 श्रद्धालुओं का जत्था सवार था, जो सुल्तानगंज से जल भरकर देवघर और बासुकीनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए निकला था। श्रद्धालुओं का यह जत्था शनिवार को ट्रैक्टर से रवाना हुआ था, और मंगलवार को पूजा के बाद वापस लौट रहा था जब यह हादसा हुआ। श्रद्धालुओं ने बताया कि ट्रैक्टर पर बांस-बल्लों से दो तल बनाए गए थे, जिसमें वे सभी सवार थे। पूजा के बाद जब वे लौट रहे थे, तब जिलेबियामोड़ के पास ट्रैक्टर अनियंत्रित होकर पलट गया, जिससे यह हादसा हुआ। ट्रैक्टर के पलटते ही मौके पर चीख-पुकार मच गई और स्थानीय लोग तुरंत सहायता के लिए दौड़े। स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को ट्रैक्टर से बाहर निकाला गया और अस्पताल पहुंचाया गया। बेलहर थानाध्यक्ष राज कुमार प्रसाद ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही पुलिस बल को मौके पर भेजा गया और घायलों को तुरंत चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई गई। गंभीर रूप से घायल 9 श्रद्धालुओं को बेहतर उपचार के लिए बांका के सदर अस्पताल में रेफर किया गया है। गंभीर रूप से घायल श्रद्धालुओं में दिलखुश कुमार, अमरजीत कुमार, मनोरंजन कुमार, गायत्री देवी, प्रेमलता देवी, ममता देवी, खुशी कुमारी, श्वेता देवी और अंश कुमार शामिल हैं। यह हादसा न केवल श्रद्धालुओं के परिवारों के लिए बल्कि पूरे गांव के लिए गहरे शोक का कारण बन गया है। दो महिलाओं की अचानक मृत्यु ने गांव में मातम फैला दिया है, जबकि घायल श्रद्धालुओं के परिवारजन भी अस्पतालों में उनकी हालत को लेकर चिंतित हैं। इस घटना ने एक बार फिर सड़कों पर ट्रैफिक सुरक्षा की गंभीरता को उजागर किया है। ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रैक्टर जैसे वाहन, जो आमतौर पर कृषि कार्यों के लिए उपयोग किए जाते हैं, का यात्रियों को ढोने के लिए इस्तेमाल किया जाना एक बड़ा खतरा साबित हो सकता है। ऐसे वाहनों पर सुरक्षा मानकों का पालन न करने से दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है, जैसा कि इस दुखद हादसे में हुआ। सरकार और स्थानीय प्रशासन को ऐसी घटनाओं से सीख लेते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों के पालन को सख्ती से लागू करने की आवश्यकता है। साथ ही, भारी वाहनों पर यात्रियों को ढोने के नियमों पर भी ध्यान देना चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की दर्दनाक दुर्घटनाओं को टाला जा सके।