लालू की रोशनी में अबतक रौशन हो रहे तेजस्वी, एनडीए के सामने जल्द बुझेगी उनकी लालटेन : विजय सिन्हा
पटना। राजधानी पटना में आगामी छठ पूजा के अवसर पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का आगमन होने जा रहा है, जिसे लेकर बिहार में राजनीतिक माहौल गरमा गया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा कि जेपी नड्डा का बिहार से गहरा संबंध है। उन्होंने इसी राज्य की राजधानी पटना में शिक्षा प्राप्त की है, और यहाँ की सांस्कृतिक धरोहर के प्रति उनका विशेष लगाव है। छठ पूजा के इस पावन अवसर पर उनका पटना आगमन हर बिहारी के लिए गर्व की बात है, और इसके साथ ही बिहार में विकास की दिशा में एक नई ऊर्जा का संचार होगा। विजय सिन्हा का मानना है कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र और राज्य सरकार, जिसे “डबल इंजन की सरकार” कहा जा रहा है, बिहार को प्रगति के पथ पर आगे ले जाएगी। इसके साथ ही उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव अब भी अपने पिता, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की लोकप्रियता पर निर्भर हैं, लेकिन लालू की राजनीतिक “लालटेन” की रोशनी धीरे-धीरे कम हो रही है। विजय सिन्हा का मानना है कि जनता अब तेजस्वी और राजद को लेकर थकी हुई महसूस कर रही है और यह पार्टी अब पुरानी हो चुकी है। उन्होंने झारखंड का उदाहरण देते हुए कहा कि वहाँ तेजस्वी की उपस्थिति लगभग नगण्य है, जो दर्शाता है कि उनकी राजनीतिक स्थिति धीरे-धीरे कमजोर हो रही है। तेजस्वी यादव द्वारा एनडीए की बैठक को केवल एक दिखावा कहे जाने के सवाल पर विजय सिन्हा ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि तेजस्वी इस समय घबराहट में हैं और उनकी उम्मीदें धीरे-धीरे खत्म होती जा रही हैं। सिन्हा का कहना था कि तेजस्वी केवल सत्ता पाने के लिए “चोर दरवाजे” से प्रवेश करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उनके यह प्रयास विफल होते नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि तेजस्वी और राजद की “लालटेन” अब बूझने के कगार पर है, और यही कारण है कि तेजस्वी और उनके समर्थक बेचैनी का अनुभव कर रहे हैं। विजय सिन्हा के अनुसार, भाजपा की राजनीतिक स्थिति पूरे देश में मजबूत है और इसी कारण विपक्षी दलों को चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। कुल मिलाकर, विजय सिन्हा के बयान से यह स्पष्ट होता है कि भाजपा के लिए जेपी नड्डा का छठ पूजा पर पटना आगमन केवल धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि राजनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। भाजपा बिहार में अपनी मजबूत स्थिति को बनाए रखने और राजद के कमजोर होते जनाधार को लेकर आश्वस्त है।