नीतीश से लड़ते-लड़ते तेजस्वी बूढ़े हो जाएंगे, फिर भी उनकी सरकार नहीं बनेगी : जीतनराम मांझी

पटना। बिहार की राजनीति में बयानबाजी का दौर लगातार जारी है। हाल ही में राष्ट्रीय जनता दल नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बूढ़ा और थका हुआ बताया था। उनके इस बयान पर हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक और केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। शुक्रवार को दिल्ली रवाना होने से पहले पटना एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत में मांझी ने शुक्रवार को तेजस्वी पर पलटवार किया और कहा कि नीतीश कुमार को बूढ़ा कहने वाले तेजस्वी खुद उनसे पहले बूढ़े हो जाएंगे, फिर भी उनकी सरकार नहीं बनेगी।
बिहार चुनाव से पहले बयानबाजी तेज
बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 के अंत में होने हैं, लेकिन अभी से राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। विपक्षी दल लगातार सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमलावर बने हुए हैं। तेजस्वी यादव, जो खुद को युवा नेता के रूप में पेश कर रहे हैं, वे सरकार की नीतियों और मुख्यमंत्री की उम्र को लेकर लगातार निशाना साध रहे हैं। हाल ही में पटना के मिलर हाईस्कूल मैदान में आयोजित युवा चौपाल में तेजस्वी यादव ने कहा था कि अब बिहार बूढ़े नेताओं से नहीं चलेगा, बल्कि युवाओं को आगे आकर इसे संभालना होगा। उन्होंने बार-बार दावा किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब थक चुके हैं और उनसे सरकार नहीं संभल रही है।
मांझी का तेजस्वी पर पलटवार
तेजस्वी के इस बयान पर जीतनराम मांझी ने शुक्रवार को नाराजगी जताते हुए कहा कि बिहार की जनता ने महागठबंधन को पूरी तरह नकार दिया है और 2025 में भी एनडीए की ही सरकार बनेगी। उन्होंने कहा, तेजस्वी यादव चाहे जितनी कोशिश कर लें, लेकिन नीतीश कुमार से लड़ते-लड़ते वे खुद बूढ़े हो जाएंगे और फिर भी बिहार में उनकी सरकार नहीं बन पाएगी।
ताड़ी को लेकर भी मांझी का बयान
तेजस्वी यादव ने हाल ही में यह भी दावा किया था कि अगर उनकी सरकार बनी तो ताड़ी (ताड़ से बनी पारंपरिक पेय) को शराबबंदी कानून से मुक्त कर देंगे। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए जीतनराम मांझी ने कहा कि सरकार के नियमों का पालन करना जरूरी है और जो वर्तमान कानून है, वही लागू रहेगा।
बिहार की राजनीति में बढ़ती बयानबाजी
बिहार की राजनीति में इस समय आरोप-प्रत्यारोप का दौर जोरों पर है। जहां तेजस्वी यादव सरकार की नीतियों और नीतीश कुमार की उम्र पर सवाल उठा रहे हैं, वहीं एनडीए के नेता इसे महज चुनावी हथकंडा बता रहे हैं। जीतनराम मांझी का यह बयान साफ दर्शाता है कि आने वाले चुनावों में यह मुद्दा जोर पकड़ सकता है और सत्तारूढ़ गठबंधन भी पूरी तैयारी में है। बिहार की जनता अगले चुनाव में किसे सत्ता सौंपेगी, यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन फिलहाल राजनीतिक बयानबाजी से माहौल गर्मा गया है।
