जमीन सर्वे को लेकर तेजस्वी का सरकार पर हमला, कहा- सरकार ने दिया अधिकारियों को अवैध वसूली का नया रास्ता
पटना। बिहार सरकार ने प्रदेश में भूमि सुधार और भूमि विवाद की समस्या के स्थाई समाधान के लिए ऐतिहासिक कदम उठाते हुए प्रदेश में जमीन सर्वे का काम तेजी से करवा रही है। हालांकि शुरुआती समय में इस सर्वे में जमीन मालिकों को काफी समस्याएं देखने को मिल रही है जिसके बाद सरकार ने उन्हें कागजात इकट्ठा करने के लिए 3 महीने का समय दिया है वहीं जमीन सर्वे में प्रदेश के अलग-अलग जिलों से हो रहे भ्रष्टाचार और अवैध वसूली की भी खबरें सोशल मीडिया और अखबारों के माध्यम से सामने आ रही है जिसको देखते हुए लैंड सर्वे को लेकर नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पर विपक्षी दल हमलावर हो गए हैं। इसी कड़ी में सोमवार को बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने लैंड सर्वे को लेकर डबल इंजन की सरकार पर हमला किया। तेजस्वी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पोस्ट करते हुए कहा कि जमीन सर्वे के माध्यम से सरकार ने अधिकारियों को अवैध वसूली करने का एक नया हथियार दे दिया है। जमीन सर्वे में व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण बिहार के लोग केवल कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। वही इस सर्वे के कारण कई जगहों पर अधिकारी तथा अन्य लोग अवैध वसूली के नाम पर लोगों से मोटी रकम वसूल कर रहे हैं और सरकार इस पर कोई कड़ा कदम नहीं उठा रही।
जमीन सर्वे में अवैध उगाही को लेकर तेजस्वी ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा
जमीन के सर्वे का काम के साथ ही भ्रष्टाचार की भी शिकायतें तेजी से सामने आ रही हैं। सरकारी कार्यालयों में जमीन से जुड़े दस्तावेजों को दुरुस्त करने के नाम पर अवैध उगाही का खेल जारी है। इस मुद्दे को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार पर हमला बोल दिया है। विपक्षी नेता तेजस्वी यादव ने जमीन सर्वे में हो रही अवैध वसूली और अन्य सरकारी योजनाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर राज्य की डबल इंजन सरकार को आड़े हाथों लिया है। बिहार सरकार ने राज्य के रैयतों को उनकी जमीन से जुड़े दस्तावेजों को दुरुस्त करने के लिए तीन महीने का समय दिया है। इस अवधि में सभी को अपने-अपने दस्तावेज तैयार करने और सरकारी पोर्टल पर उन्हें अपलोड करने की सलाह दी गई है। हालांकि, जमीन से जुड़े इन दस्तावेजों को तैयार करवाने के लिए लोग सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन भ्रष्टाचार ने उनकी समस्याओं को और बढ़ा दिया है।
भ्रष्टाचार रूपी गंगोत्री के कारण हर बिहारी डूब रहा है
विपक्षी दल, खासकर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पहले ही राज्य में बढ़ते अपराध को लेकर सरकार पर हमला बोल चुके तेजस्वी ने अब भ्रष्टाचार को लेकर सरकार पर कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “एक्स” (पूर्व में ट्विटर) पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें सरकारी कार्यालयों में घूसखोरी के दृश्य दिखाए गए हैं। तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, “क्या आपके यहाँ थाना और ब्लॉक में ऐसे ही रिश्वत देकर काम किए जाते हैं? बिहार में खुली बोली के तहत होने वाले ट्रांस्फ़र-पोस्टिंग की बदौलत 1 अणे मार्ग से निकलने वाली भ्रष्टाचार रूपी गंगोत्री के कारण हर बिहारी डूब रहा है। नीतीश कुमार और भाजपा इस रिश्वतखोरी और संस्थागत भ्रष्टाचार के कारण मौज में हैं, उन्हें आम जनमानस की कहीं कोई परवाह नहीं है। तेजस्वी यादव ने सरकार पर आरोप लगाया है कि भ्रष्टाचार अब बिहार की प्रणाली का एक हिस्सा बन चुका है। उन्होंने ट्रांसफर-पोस्टिंग में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में सत्ता में बैठे लोग इस समस्या को नजरअंदाज कर रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार की इस अनदेखी के चलते भ्रष्टाचार तेजी से बढ़ रहा है और आम जनता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
अवैध वसूली के कई वीडियो हाल ही में सोशल मीडिया पर हुए वायरल
सरकारी कार्यालयों में हो रही अवैध वसूली के कई वीडियो हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं। इन वीडियो में दिखाया गया कि किस तरह सरकारी बाबू जमीन के दस्तावेज और नकल के लिए रैयतों से घूस मांग रहे हैं। यह अवैध उगाही अब राज्यव्यापी समस्या बन गई है। इसके चलते आम जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, कुछ मामलों में सरकार ने त्वरित कार्रवाई भी की है, लेकिन अवैध वसूली का खेल अभी भी बंद नहीं हुआ है। सरकारी कार्यालयों में रिश्वतखोरी की समस्या बनी हुई है और यह लगातार जारी है। इस मुद्दे पर तेजस्वी यादव की आलोचना ने बिहार की राजनीति को गर्म कर दिया है। विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश में जुटा है, जबकि राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार के मामलों में कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। सरकार के समक्ष अब यह चुनौती है कि वह किस तरह से इन आरोपों का सामना करती है और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए क्या कदम उठाती है। इस बीच, राज्यभर में लोग अपने दस्तावेजों को दुरुस्त करने के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं और भ्रष्टाचार की समस्या से जूझ रहे हैं।