रामगढ़ उपचुनाव में 4 नवंबर को रोड शो करेंगे तेजस्वी यादव, राजद प्रत्याशी के लिए मांगेंगे वोट
पटना। रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में आगामी उपचुनाव के मद्देनजर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव 4 नवंबर को रोड शो करेंगे। यह चुनाव महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि यह सीट बक्सर सांसद सुधाकर सिंह के सांसद बनने से खाली हुई थी, और यहां आरजेडी का प्रभाव परखा जा रहा है। तेजस्वी इस चुनाव प्रचार के दौरान अपने पार्टी प्रत्याशी अजीत सिंह के लिए वोट मांगेंगे, जो कि सांसद सुधाकर सिंह के भाई हैं और आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे हैं। अजीत सिंह हाल ही में जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) छोड़कर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) में शामिल हुए हैं। इस उपचुनाव में आरजेडी प्रत्याशी के तौर पर उनकी भूमिका अहम मानी जा रही है। तेजस्वी यादव का यह रोड शो 40 किलोमीटर लंबा होगा, जो कि रामगढ़ के कर्मनाशा से शुरू होकर पंजराव तक जाएगा। रोड शो के बाद तेजस्वी रात में रामगढ़ में ही रुकेंगे। इस पूरे कार्यक्रम के लिए तेजस्वी यादव 3 नवंबर को ही रामगढ़ पहुंच जाएंगे। रामगढ़ सीट आरजेडी के लिए काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां से जगदानंद सिंह पहले विधायक रह चुके हैं और पार्टी का मजबूत जनाधार भी रहा है। अजीत सिंह को इस सीट पर जिताने के लिए तेजस्वी यादव, जगदानंद सिंह और सुधाकर सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर है। चुनाव से पहले किए गए कई रोड शो और जनसभाओं में आरजेडी ने स्थानीय मतदाताओं तक अपनी पहुंच बनाने की कोशिश की है। तेजस्वी ने इससे पहले लोकसभा चुनावों के दौरान 250 से ज्यादा जनसभाएं और रोड शो किए थे, और अब इस उपचुनाव में भी वह अपनी जनसंपर्क की रणनीति को आगे बढ़ा रहे हैं। उपचुनाव में आरजेडी के सामने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने भी जोरदार मुकाबला करने की तैयारी की है। बीजेपी ने राजपूत जाति से आने वाले पूर्व विधायक अशोक कुमार सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है। अशोक कुमार सिंह की छवि एक मजबूत और लोकप्रिय नेता की रही है और इस जातीय समीकरण को बीजेपी ने अच्छी तरह से भुनाने की कोशिश की है। इसके अतिरिक्त, जन सुराज ने सुनील सिंह कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया है, जो कुशवाहा समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं। वहीं, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने अपने प्रत्याशी के तौर पर सतीश यादव उर्फ पिंटू यादव को चुनावी मैदान में उतारा है, जो कि पूर्व विधायक अंबिका यादव के भतीजे हैं। इस चुनाव में जातीय समीकरण की भूमिका काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। रामगढ़ में राजपूत, यादव और कुशवाहा समुदाय की बड़ी आबादी है और सभी प्रमुख दलों ने इन समुदायों के नेताओं को चुनावी मैदान में उतारकर इन वोट बैंक को साधने की कोशिश की है। चूंकि रामगढ़ आरजेडी का पुराना गढ़ रहा है, इसलिए यहां पार्टी की प्रतिष्ठा और प्रभाव को बरकरार रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। तेजस्वी यादव का रोड शो और अजीत सिंह की उम्मीदवारी आरजेडी के लिए एक मजबूत संकेत है कि पार्टी इस सीट पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहती है। इस उपचुनाव में जीतना आरजेडी के लिए केवल एक सीट का मामला नहीं, बल्कि पार्टी की साख और संगठन की ताकत का परिचायक भी है। बिहार की राजनीतिक तस्वीर में रामगढ़ उपचुनाव का नतीजा महत्वपूर्ण होगा क्योंकि यह आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनावों के लिए क्षेत्रीय समीकरणों पर असर डाल सकता है।