तेजस्वी यादव ने जातिगत जनगणना को लेकर प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के प्रमुख को लिखा पत्र, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दिए तीन दिन, जानें क्यों

पटना । सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर जातिगत जनगणना से केंद्र सरकार के इनकार का सबसे बड़ा राजनीतिक प्रभाव बिहार में दिख रहा है। केंद्र के फैसले के बाद अब नेता प्रतिपक्ष इस मुद्दे को देश के सभी प्रदेशों में ले जाने की कोशिश कर रहे हैं।

इस संबंध में उन्होंने देश के सभी प्रमुख पार्टियों के प्रमुख को पत्र लिखकर जातिगत जनगणना कराने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने की मांग की है। वहीं इस मुद्दे पर उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री से भी तीन दिन में अपना रूख स्पष्ट करने को कहा है। पिछले तीन माह से जातिगत जनगणना के मुद्दे पर भाजपा को छोड़ तमाम पार्टियां केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है।
लेकिन, जिस तरह से केंद्र ने साफ किया है कि जातिगत जनगणना संभव नहीं है, उससे बिहार के सीएम नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव सहित तमाम राजनीतिक दलों को बड़ा झटका लगा है। शुरू से ही इस पूरे मामले पर सक्रिय दिख रहे तेजस्वी यादव ने इस संबंध में सीएम नीतीश कुमार के अपना रूख स्पष्ट करने के लिए कहा है।
जाति जनगणना के सवाल पर तेजस्वी ने कहा कि केंद्र सरकार नहीं चाहती तो विधानसभा व विधान परिषद से कैसे पास हो गया प्रस्ताव? बिहार भाजपा व केंद्र भाजपा अलग है क्या? मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बयान जाति जनगणना पर केन्द्र के हलफनामे पर आना चाहिए। एक बार मुख्यमंत्री जी बोले तो एक्शन प्लान हमारा क्या होगा इसको आगे बढ़ाएंगे।
इस संबंध में तेजस्वी यादव ने देश के तमाम प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रमुख को पत्र लिखकर समर्थन जुटाने की कोशिश शुरू कर दी है। इनमें भाजपा के नेताओं और ओवैसी को छोड़ उन्होंने सभी प्रमुख नेताओं के नाम चिट्ठी लिखी है, इस चिट्ठी में उन्होंने मांग की है कि जातिगत जनगणना को लेकर खुली बहस होनी चाहिए। तेजस्वी ने लिखा है कि पहले ही महामारी के कारण जनगणना में देरी हो चुकी है, ऐसे में अब जनगणना शुरू नहीं हुई है तो जनगणना में जातिगत को भी जोड़ा जाना चाहिए।
इन नेताओं को तेजस्वी ने लिखा पत्र
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, बिहार सीएम नीतीश कुमार, उद्धव ठाकरे, शरद पवार, अरविंद केजरीवाल, मायावती, सीताराम येचुरी, फारख अबदुल्ला, प्रकाश सिंह बादल, दीपांकर भट्टाचार्य, चंद्रशेकर राव, वाईएस जगनमोहन रेड्डी, महबूबा मुफ्ती, हेमंत सोरेन, पीनारयी विजयन, अशोक गहलोत, भूपेश बघेल, चरणजीत सिंह चन्नी, जीतन राम मांझी, मौलान बद्दरुद्दीन अजमल, जयंत चौधरी, ओ पनीरसेलवम, ओम प्रकाश राजभर, चिराग पासवान, अख्तरुल इमान, मुकेश सहनी, चंद्रशेखर आजाद हैं जिन्हें तेजस्वी ने पत्र लिखा है।