आरक्षण के नाम पर झूठी नौटंकी कर रहे तेजस्वी, अगर हितैषी है तो किसी दलित को घोषित करें सीएम उम्मीदवार : संतोष सुमन
पटना। बिहार में हाल ही में जातीय गणना के बाद आरक्षण को बढ़ाने और इसे संविधान की नौवीं अनुसूची में डालने की मांग को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) द्वारा प्रदेश भर में 1 सितंबर को धरना आयोजित किया जाएगा। इस धरने को लेकर राज्य में राजनीतिक सरगर्मी भी तेज हो गई है। बिहार सरकार के मंत्री संतोष सुमन ने राजद के इस कदम की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने राजद के नेता तेजस्वी यादव पर आरोप लगाया कि वे दलितों के हितैषी होने का दिखावा कर रहे हैं, जबकि उनका वास्तविक उद्देश्य सत्ता प्राप्त करना है।संतोष सुमन ने कहा कि तेजस्वी यादव का दलित प्रेम महज एक दिखावा है। अगर वे सच में दलितों के हितैषी होते, तो वे किसी दलित नेता को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश करते या पार्टी के भीतर किसी दलित को महत्वपूर्ण पद देते। लेकिन, जब भी सत्ता के उच्च पदों की बात आती है, तो तेजस्वी यादव और उनके परिवार के सदस्य ही इन पदों पर आसीन हो जाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि तेजस्वी यादव राजनीति के लिए दलितों के नाम का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन वास्तव में दलितों के कल्याण के लिए उन्होंने कुछ नहीं किया है। सुमन ने राजद पर भ्रम फैलाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एनडीए गठबंधन पूरी तरह से मजबूत है और राजद के नेता इस तरह की अफवाहें फैला रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी चिराग पासवान की पार्टी को तोड़ने की कोशिश कर रही है। सुमन ने सवाल उठाया कि क्या राजद के पास अपने मुद्दे नहीं हैं, इसलिए वे एनडीए के अंदर फूट की अफवाहें फैला रहे हैं। संतोष सुमन ने जोर देकर कहा कि तेजस्वी यादव का यह धरना सिर्फ एक नौटंकी है और इसका उद्देश्य केवल राजनीतिक लाभ लेना है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी और उनकी पार्टी ने पिछड़ों, अति पिछड़ों और दलितों के कल्याण के लिए कभी कुछ नहीं किया है, और न ही वे भविष्य में ऐसा करने का इरादा रखते हैं। सुमन ने यह भी कहा कि जनता अब इन चीजों को समझ चुकी है और इस तरह की राजनीतिक चालों से गुमराह नहीं होगी।कुल मिलाकर, सुमन ने तेजस्वी यादव और राजद पर सत्ता के लिए दलितों के नाम का इस्तेमाल करने और वास्तविकता में उनके लिए कुछ न करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि यह धरना एक राजनीतिक नाटक है और इसका कोई ठोस उद्देश्य नहीं है।