मानहानि मामले में तेजस्वी यादव ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका, 6 नवंबर को हो सकती है सुनवाई

- अहमदाबाद कोर्ट पेशी की छूट की मांग करते हुए तेजस्वी बोले- हम कानून का पालन करने वाले नागरिक हैं
नई दिल्ली/पटना। बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने शनिवार को अहमदाबाद की ट्रायल कोर्ट को सूचित किया कि मानहानि मामले को स्थानांतरित कराने की मांग को लेकर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। सुप्रीम कोर्ट 6 नवंबर को मामले पर सुनवाई कर सकता है। राजद नेता ने अपने वकील के माध्यम से ट्रायल कोर्ट से मामले में पेशी से छूट देने की मांग की। अहमदाबाद की ट्रायल कोर्ट ने 22 सितंबर को तेजस्वी यादव को मानहानि मामले में समन जारी किया था। तेजस्वी यादव ने अपने एक बयान में कहा था कि ‘सिर्फ गुजराती ठग हो सकते हैं’। इसके विरोध में गुजरात के सामाजिक कार्यकर्ता हरेश मेहता ने तेजस्वी यादव के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। अब तेजस्वी यादव द्वारा इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का रुख करने पर ट्रायल कोर्ट ने मामले की सुनवाई 2 दिसंबर तक टाल दी है। हालांकि हरेश मेहता के वकील ने दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट ने अभी तक इस मामले में कोई निर्देश नहीं दिया है, ऐसे में ट्रायल कोर्ट तेजस्वी यादव की गैरमौजूदगी में भी सुनवाई जारी रख सकती है। पेशी की छूट की मांग करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि वह कानून का पालन करने वाले नागरिक हैं और बिहार के डिप्टी सीएम हैं। दलीलें सुनने के बाद ट्रायल कोर्ट ने सुनवाई को 2 दिसंबर तक टाल दिया। तेजस्वी यादव ने बीते दिनों अपने एक बयान में कहा था कि मौजूदा स्थिति में सिर्फ गुजराती ही ठग हो सकते हैं और उनका अपराध माफ भी कर दिया जाएगा। अगर वह देश से फरार भी हो जाएं तो उसके लिए कौन जिम्मेदार होगा। इस बयान के खिलाफ हरेश मेहता ने मानहानि की शिकायत की। जिसमें कहा गया कि पूरे गुजरातियों को ठग कहकर उनका अपमान किया गया है। हरेश मेहता ने इस मामले में तेजस्वी यादव को सजा देने की मांग की है।
