लैंड फॉर जॉब मामले में दिल्ली की कोर्ट में कोई सुनवाई, तेजप्रताप और हेमा यादव को मिली जमानत

नई दिल्ली/पटना। लैंड फॉर जॉब’ मामले में मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें अदालत ने सभी आरोपियों को जमानत दे दी। कोर्ट ने 50 हजार रुपये के मुचलके पर उन्हें जमानत प्रदान की। इस मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बेटे तेज प्रताप यादव और बेटी हेमा यादव सुनवाई के दौरान अदालत में मौजूद थे।
पिछली सुनवाई का विवरण
इससे पहले 25 फरवरी को इस मामले में सुनवाई हुई थी, जिसमें अदालत ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो द्वारा दाखिल की गई फाइनल चार्जशीट का संज्ञान लेते हुए सभी आरोपियों को समन भेजा था। अदालत ने आदेश दिया था कि तेज प्रताप यादव, हेमा यादव और अन्य आरोपियों को 11 मार्च को अदालत में पेश होना होगा।
सीबीआई की चार्जशीट और आरोप
सीबीआई ने इस मामले में कुल 78 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है, जिनमें 30 लोक सेवक शामिल हैं। आरोप है कि लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल के दौरान, रेलवे में नौकरी दिलाने के बदले जमीन का लेन-देन किया गया था। सीबीआई ने इस केस में रेलवे बोर्ड के अधिकारी आर.के. महाजन के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। सीबीआई ने अदालत को बताया कि उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए आवश्यक अनुमति प्राप्त कर ली गई है और गवाहों की सूची भी तैयार है। अदालत अब इस संबंध में आगे की कार्रवाई करेगी।
मामले की पृष्ठभूमि
लैंड फॉर जॉब मामले में आरोप है कि लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते हुए कुछ लोगों को रेलवे में नौकरी देने के बदले उनकी जमीन को अपने नाम या परिवार के अन्य सदस्यों के नाम करवा लिया गया था। सीबीआई की जांच में यह पाया गया कि इस दौरान कई लोगों की जमीन लालू परिवार के करीबियों के नाम स्थानांतरित की गई थी। इस मामले में सीबीआई ने लालू यादव समेत उनके परिवार के अन्य सदस्यों को आरोपी बनाया है। इससे पहले 20 जनवरी 2024 को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने दिल्ली और पटना में लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव से लंबी पूछताछ की थी। सूत्रों के मुताबिक, लालू प्रसाद यादव से इस दौरान 50 से अधिक सवाल पूछे गए थे। पूछताछ के दौरान लालू यादव ने अधिकतर सवालों का जवाब ‘हां’ या ‘ना’ में दिया था। पूछताछ के दौरान कई बार लालू यादव झुंझलाते भी नजर आए थे। तेजस्वी यादव से भी 30 जनवरी को लगभग 10-11 घंटे तक पूछताछ हुई थी। दोनों नेताओं से पूछताछ के बाद ईडी ने कई अहम जानकारियां एकत्रित की थीं, जिनका उल्लेख जांच एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में किया है।
मामले का पूरा घटनाक्रम
‘लैंड फॉर जॉब’ घोटाला उस समय का मामला है, जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे। आरोप है कि रेलवे में नौकरी दिलाने के बदले उम्मीदवारों से जमीनें लिखवाई गई थीं। इस मामले में लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं।
वर्तमान स्थिति और भविष्य की कार्रवाई
कोर्ट ने इस मामले में सभी आरोपियों को 50 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दी है। हालांकि, मामले की जांच अभी भी जारी है और अदालत में सुनवाई के अगले चरण में और खुलासे होने की संभावना है। लैंड फॉर जॉब’ मामला बिहार की राजनीति में बड़ा मुद्दा बना हुआ है। लालू परिवार के खिलाफ लगे इन आरोपों के कारण राजद पर राजनीतिक दबाव बढ़ गया है। आने वाले समय में अदालत के फैसले पर सबकी नजरें टिकी रहेंगी। फिलहाल तेज प्रताप यादव और हेमा यादव को राहत जरूर मिली है, लेकिन इस मामले में जांच और कानूनी प्रक्रिया अभी जारी है।

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