शिक्षा विभाग के डाटाबेस से राज्य के 15 हज़ार से अधिक शिक्षक गायब, निगरानी विभाग आंकड़ों की तलाश में जुटा
पटना। बिहार में शिक्षा विभाग के अंदर अपर मुख्य सचिव के पद पर के के पाठक कम कर रहे हैं। पाठक लगातार नए-नए आदेश निकालकर शिक्षक और कर्मचारियों के साथ ही बच्चों को भी अनुशासन में रहने की सलाह देते हुए नजर आ रहे हैं। इस व्हिच अब उनके ही विभाग में उनके नाकों तले बड़ा झोल हो रहा है। बिहार में 15000 से ज्यादा शिक्षक गायब है निगरानी विभाग को इसकी तलाश है इसकी वजह शिक्षक बहाली फर्जी बड़े की जांच में शिक्षा विभाग और निगरानी जांच के आंकड़ों में मिला भारी अंतर बताया जा रहा है। जहां निगरानी झांसी में फोल्डर नहीं मिलने वाले शिक्षकों की संख्या 73091 है तो वही शिक्षा विभाग में प्राप्त फोल्डर वाले शिक्षकों की संख्या 57647 बताई है। ऐसे में अब दोनों विभाग के सूची में मामला उलझ गया है। और यही वजह है कि इसको लेकर शिक्षा विभाग के सबसे बड़े अधिकारियों की भी मुश्किल है बढ़ गई है। उन्हें भी यह नहीं मालूम चल पा रहा है कि सूबे में टीचरों की वास्तविक संख्या कितनी है। शिक्षक बहाली फर्जीवाड़े की जांच में पिछले 8 साल से फोल्डर ढूंढने की कवायद चल रही है। उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा वर्ष 2006 से 2015 तक के नियोजित उच्चतर माध्यमिक, माध्यमिक, पुस्कालय अध्यक्ष एवं प्रारंभिक शिक्षकों के शैक्षणिक/प्रशैक्षणिक अंक पत्रों व प्रमाणपत्रों की जांच की जा रही है। उच्च न्यायालय द्वारा शिक्षक जांच मामले को लेकर 6 अक्टूबर को सुनवाई निर्धारित की गई है। इधर, अब शिक्षा विभाग और निगरानी विभाग के बीच दो अलग अलग डाटा को लेकर बनी हालत को देखते हुए यह निर्देश जारी किया गया है कि अगले दो दिनों के अंदर जिलों से रिपोर्ट जारी करें।