….तो फिर हो जाएगी सुशील मोदी की ‘आह से आहा तक’ की यात्रा
पटना।बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी का राज्यसभा में जाना लगभग तय हो गया है।आज नामांकन के अंतिम दिन महागठबंधन की ओर से कोई भी प्रत्याशी मैदान में नहीं उतरा।सुशील मोदी बिहार में लोजपा के संस्थापक तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन से रिक्त हुए राज्यसभा की सीट के लिए एनडीए के उम्मीदवार हैं।हालांकि राज्यसभा के लिए एक निर्दलीय उम्मीदवार ने भी नामांकन भरा है।मगर सुशील मोदी के सामने संसद भवन पहुंचने का रास्ता एकदम क्लियर हो गया है।समझा जा रहा था कि महागठबंधन पूर्व मुख्यमंत्री सुशील मोदी के संसद भवन पहुंचने की राह में रोड़ा जरूर अटकाएगा।मगर ऐसा हो नहीं सका।भाजपा सूत्रों के अनुसार सुशील मोदी को केंद्र में नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में स्थान मिलने वाला है।चर्चा इस बात की हो रही है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व- रामविलास पासवान के निधन से मंत्रिमंडल में रिक्त हुए खाद्य एवं उपभोक्ता मामले के कैबिनेट मंत्री का पद उन्हें सौंपा जाएगा।ऐसे में बिहार की राजनीति में फिर से सुशील मोदी का बोलबाला कायम रहेगा। दरअसल भाजपा के द्वारा दोबारा उपमुख्यमंत्री पद पर सुशील मोदी को नहीं बैठाए जाने के बाद यह कयास लगाए जा रहे थे कि सुशील मोदी की प्रासंगिकता अब खतरे में पड़ गई हैं। मगर राजनीतिक गलियारों में चर्चा के अनुसार यदि सुशील मोदी को केंद्र में रामविलास पासवान द्वारा संभाले जा रहे मंत्रालय को दिया गया।तो सुशील मोदी की राजनीतिक पारी नए तरीके से फिर आरंभ हो जाएगी। दरअसल उप मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने के बाद सुशील मोदी ने ट्वीट करके अपना दर्द बयान किया था।उन्होंने ट्वीट के माध्यम से लिखा था कि उन्हें कार्यकर्ता के पद से तो कोई नहीं हटा सकता।ऐसे में केंद्र में बड़ी मंत्रालय का जिम्मा मिलने से यह कहा जा रहा है कि सुशील मोदी की यात्रा दिल्ली पहुंचने के उपरांत ‘आह से आहा में’ बदल जाएगी।यहां ‘आह’ का तात्पर्य उपमुख्यमंत्री की कुर्सी चली जाने से है वही ‘आहा’ का तात्पर्य केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने से है।