प्रदेश में लैंड सर्वे के बीच 49 सर्वेक्षण कर्मियों ने छोड़ी नौकरी, विभाग ने दिया एनओसी लेटर
पटना। बिहार में भूमि सर्वेक्षण के दौरान सर्वेक्षण कर्मियों द्वारा नौकरी छोड़ने का सिलसिला जारी है। हाल ही में, 27 और 28 जनवरी को 49 भूमि सर्वेक्षण कर्मियों ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने इन कर्मियों को अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी किया है। ये कर्मी बिहार तकनीकी सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा में चयनित हुए हैं, जिसके बाद उन्होंने काउंसलिंग में भाग लेने के लिए एनओसी प्राप्त किया है। इसके अलावा, 27-28 जनवरी को 14 सर्वेक्षण कर्मियों ने अपनी नौकरी छोड़ दी है, और भू अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय ने उनके त्यागपत्र को स्वीकार कर लिया है। भागलपुर जिले में कार्यरत पांच विशेष सर्वेक्षण अमीनों के त्यागपत्र को भी स्वीकृत किया गया है। यह निर्णय भागलपुर बंदोबस्त पदाधिकारी की अनुशंसा पर लिया गया है। निदेशालय ने यह स्पष्ट किया है कि यदि इन कर्मियों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। इसी तरह, 27 जनवरी को सहरसा जिले के बंदोबस्त पदाधिकारी की अनुशंसा पर एक विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी का त्यागपत्र स्वीकृत किया गया है। इसके अलावा, अररिया और जमुई जिलों के बंदोबस्त पदाधिकारियों की अनुशंसा पर आठ विशेष सर्वेक्षण अमीनों के त्यागपत्र को भी मंजूरी दी गई है। 28 जनवरी को पश्चिम चंपारण जिले के बंदोबस्त पदाधिकारी की अनुशंसा पर 24 विशेष सर्वेक्षण कर्मियों को अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया है। इन कर्मियों का चयन भी बिहार तकनीकी सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा में हुआ है। इसी दिन, अरवल जिले के बंदोबस्त पदाधिकारी की अनुशंसा पर 25 भू सर्वेक्षण कर्मियों को भी एनओसी प्रदान किया गया है। इन कर्मियों का चयन भी तकनीकी सेवा आयोग की परीक्षा में हुआ है। इस प्रकार, बिहार में भूमि सर्वेक्षण कर्मियों के नौकरी छोड़ने का यह सिलसिला जारी है। विभाग द्वारा इन कर्मियों को एनओसी जारी करने और उनके त्यागपत्र को स्वीकृत करने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। हालांकि, यह स्थिति भूमि सर्वेक्षण कार्यों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है, क्योंकि अनुभवी कर्मियों के जाने से कार्य प्रगति में बाधा उत्पन्न हो सकती है। विभाग को इस चुनौती का सामना करने के लिए नए कर्मियों की भर्ती और प्रशिक्षण की आवश्यकता होगी, ताकि भूमि सर्वेक्षण के कार्यों को बिना किसी रुकावट के पूरा किया जा सके।