September 8, 2024

पीएमसीएच मे नर्सो ने अधीक्षक कार्यालय का किया घेराव, छुट्टी में कटौती के विरोध में किया प्रदर्शन

पटना। पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में कार्यरत नर्सों ने छुट्टियों में कटौती के विरोध में गुरुवार को अधीक्षक कार्यालय का घेराव किया। नर्सों ने अपनी मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारी नर्सों का कहना है कि प्रशासन ने उनकी छुट्टियों में अचानक कटौती कर दी है, जिससे उनके कामकाज और व्यक्तिगत जीवन पर बुरा असर पड़ रहा है। नर्सों ने कहा कि छुट्टियों में कटौती का निर्णय बिना किसी पूर्व सूचना या बातचीत के लिया गया है, जो कि पूरी तरह अनुचित है। एक नर्स ने कहा, “हम पूरे साल मेहनत करते हैं और हमारे पास सीमित छुट्टियां होती हैं। इन छुट्टियों में कटौती करने से हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।” उन्होंने प्रशासन से तुरंत इस फैसले को वापस लेने की मांग की। अधीक्षक कार्यालय के बाहर नर्सों ने बैनर और पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया। अपनी मांगों को लेकर पीएमसीएच में कार्यरत नर्स बीथिका विश्वाश ने बताया कि पीएमसीएच सहित स्वास्थ्य विभाग के कर्मी विकट परिस्थितियों में हमेशा अपने दायित्वों का निर्वहन कर लोगों की सेवा करते हैं। कोरोना काल,आपदा के समय या किसी भी विषम परिस्थिति में सेवा के लिए दिन रात लगी रहती है। प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी करते हुए कहा कि प्रशासन का यह कदम न केवल अनुचित है, बल्कि उनके अधिकारों का भी हनन है। ऐसे में इनके नेचुरल लिव की छुट्टी रद्द करना कहा का इंसाफ है। पीएमसीएच में कार्यरत हेड नर्स बीथिका विश्वाश ने कहा कि ये स्पेशल लिव बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री रावड़ी देवी ने महिलाओं के समस्याओं को समझते हुए पारित किया था। जिससे काम करने वाली सरकारी अस्पताल कर्मियों को काफी खुशी दिखी थी। ऐसे में अब इस लिव को रद्द कर महिलाओं के प्रति सहानुभूति को कम करता नजर आ रहा है। नर्सों ने अपनी छुट्टी को पुनः बहाल करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे अपने विरोध को और तेज करेंगे। पीएमसीएच के अधीक्षक ने प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को सुना। उन्होंने नर्सों को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा और उचित कार्रवाई की जाएगी। अधीक्षक ने कहा, “हम आपकी समस्याओं को समझते हैं और हम जल्द ही इस मुद्दे का समाधान निकालने का प्रयास करेंगे। प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। पुलिस बल तैनात किया गया था ताकि किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति को टाला जा सके। हालांकि, प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ और किसी भी तरह की हिंसा या बवाल की खबर नहीं आई। नर्सों ने अपने प्रदर्शन के माध्यम से यह स्पष्ट कर दिया कि वे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हैं और किसी भी तरह की अनुचित कार्रवाई को बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि वे अपने हक की लड़ाई को जारी रखेंगे और प्रशासन को उनके अधिकारों का सम्मान करना होगा। प्रदर्शन के बाद नर्सों ने कहा कि वे उम्मीद करती हैं कि प्रशासन जल्द ही उनकी मांगों को मान लेगा और छुट्टियों में कटौती के फैसले को वापस ले लेगा। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो वे आने वाले दिनों में और बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करेंगे।  इस घटना ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि कर्मचारियों के अधिकारों का सम्मान करना और उनके साथ उचित व्यवहार करना प्रशासन की जिम्मेदारी है। प्रशासन को कर्मचारियों की समस्याओं को गंभीरता से लेना चाहिए और उनके समाधान के लिए तत्पर रहना चाहिए।

 

 

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