बिहार में आरक्षण बचाने को हमलोग सुप्रीम कोर्ट जाएंगे, सभी विकल्पों पर विचार कर रही सरकार : विजय चौधरी

पटना। बिहार सरकार ने जाति आधारित गणना की रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण की सीमा बढ़ाने का फैसला लिया था, जिसे पटना उच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया। इसके खिलाफ राज्य सरकार अब सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी। जल संसाधन मंत्री और जदयू के वरिष्ठ नेता विजय कुमार चौधरी ने इस मुद्दे पर स्पष्ट किया कि सरकार सभी कानूनी विकल्पों पर विचार कर रही है और सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला कर चुकी है। विजय चौधरी ने कहा कि आरक्षण बढ़ाने का निर्णय सरकार ने गरीबों और पिछड़े वर्गों के हित को ध्यान में रखते हुए किया था। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह निर्णय सोच-समझकर लिया गया था ताकि जो लोग पिछड़े हैं, उन्हें मुख्यधारा में लाया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि अन्य कई राज्यों में भी इस तरह के आरक्षण की व्यवस्था है, इसलिए बिहार में भी इसे लागू रहना चाहिए। गौरतलब है कि पटना हाईकोर्ट ने गुरुवार को राज्य सरकार को झटका देते हुए आरक्षण कानून में किए गए संशोधन की संवैधानिक वैधता को खारिज कर दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार के इस कानून को चुनौती देने वाली रिट याचिकाओं को स्वीकृति दे दी। इस मामले में, आरक्षण के खिलाफ दाखिल याचिका में राज्य सरकार द्वारा नवंबर 2023 में पारित कानून को चुनौती दी गई थी, जिसमें अनुसूचित जाति/जनजाति (एससी/एसटी), अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) और अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए 65 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था। वहीं, सामान्य श्रेणी के लिए मात्र 35 प्रतिशत पदों पर ही सरकारी सेवा में उपलब्धता होती, जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण भी शामिल है। राज्य सरकार का तर्क है कि इस कानून का उद्देश्य समाज के पिछड़े और वंचित वर्गों को मुख्यधारा में लाना है, ताकि वे भी समाज में समान अवसर पा सकें। विजय चौधरी ने कहा कि यह फैसला गरीबी और सामाजिक असमानता को दूर करने के लिए लिया गया था और सरकार इसे बरकरार रखने के लिए प्रतिबद्ध है। विजय चौधरी ने यह भी बताया कि सरकार इस मुद्दे पर कानूनी सलाह ले रही है और सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल करने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने विश्वास जताया कि न्यायपालिका राज्य सरकार के इस निर्णय की संवैधानिकता को स्वीकार करेगी और आरक्षण की बढ़ाई गई सीमा को बहाल करेगी। यह मामला बिहार में सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। राज्य सरकार के इस फैसले से बड़ी संख्या में गरीब और पिछड़े वर्गों को लाभ मिलेगा और वे समाज में समान अधिकार पा सकेंगे। विजय चौधरी ने कहा कि सरकार का यह कदम समाज में संतुलन और समरसता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। अंत में, विजय चौधरी ने जनता से अपील की कि वे इस मुद्दे पर धैर्य रखें और सरकार के साथ सहयोग करें। उन्होंने विश्वास जताया कि सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की अपील पर सकारात्मक निर्णय आएगा और आरक्षण की बढ़ाई गई सीमा को पुनः लागू किया जाएगा।

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