November 22, 2024

बिस्कोमान अध्यक्ष के पद से हटाए गए राजद एमएलसी सुनील सिंह, सदस्यता पर फैसला आज

पटना। बिहार राज्य सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (बिस्कोमान) के अध्यक्ष पद से राजद एमएलसी सुनील सिंह को हटा दिया गया है। सुनील सिंह को इस पद से हटाने का फैसला बिहार राज्य सहकारी संघ की बैठक में लिया गया। यह निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि सुनील सिंह पर बिस्कोमान के नियमों का उल्लंघन करने और संगठन के कामकाज में अनियमितताओं का आरोप था। विधान परिषद की आचार समिति ने सुनील सिंह पर कार्रवाई की अनुशंसा की है। इसमें कहा गया है कि वे लगातार सदन के अंदर 4 बैठकों में शामिल नहीं हुए हैं। 5वीं बैठक में वे आए, लेकिन अपने ऊपर लगे आरोपों पर कोई जवाब नहीं दिया। इसके साथ ही अनुशंसा पत्र में कहा गया है कि वे लगातार सदन के नेता, यानी मुख्यमंत्री के खिलाफ बयानबाजी करते आ रहे हैं। उनका व्यवहार भी असंसदीय और लोकतंत्र के खिलाफ है। ऐसे में क्यों ना विधान परिषद से उनकी सदस्यता खत्म कर दी जाए। सुनील कुमार सिंह ने कहा कि मेरे खिलाफ प्रतिवेदन तैयार करने में उन लोगों ने काफी मेहनत की है। सदन में गरीबों, किसानों, वंचितों, बेरोजगारों की आवाज नहीं उठ सके, इसलिए यह किया गया है। बिस्कोमान अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद सुनील सिंह ने कहा कि यह फैसला राजनीतिक साजिश का हिस्सा है। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें जानबूझकर इस पद से हटाया गया है और इसके पीछे राजनीतिक कारण हैं। सुनील सिंह का कहना है कि वह इस फैसले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे और अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। इस घटना ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। राजद और अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं ने इस फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। राजद के प्रमुख नेताओं का कहना है कि सुनील सिंह को पद से हटाना असंवैधानिक है और इसे तुरंत रद्द किया जाना चाहिए। वहीं, दूसरी ओर, बिस्कोमान के सदस्य और अधिकारी इस फैसले का समर्थन कर रहे हैं और इसे संगठन की गरिमा को बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम बता रहे हैं। सुनील सिंह के अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद बिस्कोमान के नए अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया भी जल्द ही शुरू की जाएगी। इसके लिए उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की जाएगी और एक नई कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा। इस प्रक्रिया में सभी सदस्यों की सहमति और समर्थन लिया जाएगा ताकि संगठन की गतिविधियाँ सुचारू रूप से चल सकें। बिस्कोमान के इस फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि संगठन में अनुशासन और नियमों का पालन अत्यंत महत्वपूर्ण है। कोई भी सदस्य, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, अगर वह संगठन के नियमों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सुनील सिंह का मामला इसका एक उदाहरण है, जिससे यह संदेश मिलता है कि संगठन में किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अब सभी की निगाहें आज की बैठक पर टिकी हैं, जहां सुनील सिंह की सदस्यता पर फैसला लिया जाएगा। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि संगठन इस मामले को किस तरह से सुलझाता है और आगे की दिशा में क्या कदम उठाए जाते हैं। इस फैसले का असर बिस्कोमान के साथ-साथ बिहार की राजनीति पर भी पड़ेगा, जिससे आने वाले समय में और भी रोचक घटनाक्रम देखने को मिल सकते हैं।

yashoraj infosys best website design company in patna : www.yashoraj.com

You may have missed