November 23, 2024

नीतीश को लगातार महागठबंधन में हो रही थी घुटन, तभी उन्होंने तेजस्वी का साथ छोड़ा: दिलीप जायसवाल

पटना। बिहार की राजनीतिक सरगर्मी एक बार फिर बढ़ गई है, जहां बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने गुरुवार को कई अहम मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखी। खासकर, उन्होंने बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और उनकी राजनीति पर जमकर निशाना साधा। दिलीप जायसवाल ने अपने बयान में दावा किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महागठबंधन से इसलिए दूरी बनाई क्योंकि वह उस गठबंधन में घुटन महसूस कर रहे थे। उनका आरोप था कि महागठबंधन में अराजकता का माहौल था, जिससे नीतीश कुमार असहज हो गए थे और आखिरकार मजबूरी में उन्हें गठबंधन छोड़ना पड़ा। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने नीतीश कुमार के महागठबंधन छोड़ने के पीछे के कारणों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नीतीश कुमार खुद कई बार सार्वजनिक मंचों पर यह बात कह चुके हैं कि जब वह महागठबंधन में थे, तो उन्हें वहां घुटन महसूस हो रही थी। जायसवाल ने कहा कि महागठबंधन की सरकार में लूट और अव्यवस्था का बोलबाला था, और नीतीश कुमार जैसे साफ-सुथरी छवि के नेता के लिए यह माहौल असहनीय था। जायसवाल ने आगे कहा, “जब नीतीश कुमार को महसूस हुआ कि वह इस अराजक माहौल में काम नहीं कर सकते, तब उन्होंने गठबंधन से बाहर निकलने का फैसला किया। दिलीप जायसवाल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कार्यशैली की भी जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार ने विकास की नई ऊंचाइयों को छुआ है। बिहार को ‘जंगलराज’ के अंधकार से बाहर निकालने का श्रेय जायसवाल ने पूरी तरह से नीतीश कुमार को दिया। उन्होंने कहा कि नीतीश ने बिहार को सिर्फ विकास के पथ पर आगे बढ़ाया है, बल्कि राज्य में कानून व्यवस्था को भी मजबूत किया है। उनके नेतृत्व में राज्य ने जो प्रगति की है, वह किसी से छुपी नहीं है। जायसवाल ने यह भी कहा कि बिहार के विकास में नीतीश का योगदान असीमित है और वह आज भी राज्य के विकास के लिए पूरी तरह समर्पित हैं। अपने बयान में दिलीप जायसवाल ने तेजस्वी यादव पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव “चांदी का चम्मच लेकर पैदा हुए” हैं और वह राजनीति में राजा बनने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने तेजस्वी के उस बयान का भी जवाब दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि नीतीश कुमार को “हाईजैक” कर लिया गया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए जायसवाल ने कहा, “नीतीश कुमार जैसे नेता को कोई हाईजैक नहीं कर सकता। वह 1974 के आंदोलन की उपज हैं और उनके जैसे व्यक्ति को किसी के भी द्वारा नियंत्रित किया जाना असंभव है।” जायसवाल ने इस टिप्पणी को तेजस्वी की राजनीतिक अपरिपक्वता और अहंकार का परिचायक बताया। दिलीप जायसवाल ने एक उदाहरण देते हुए बताया कि नीतीश कुमार की सहनशक्ति की भी एक सीमा है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार हमेशा अपनी बातों को सीधे और स्पष्ट तरीके से रखते हैं। इस संदर्भ में उन्होंने गिरिराज सिंह की यात्रा का जिक्र किया, जिसमें नीतीश कुमार ने कहा था कि बीजेपी की ऐसी यात्राओं से उनका कोई लेना-देना नहीं है। जायसवाल ने कहा कि नीतीश कुमार ने अपनी स्पष्टता और दृढ़ता के साथ यह बात कही थी, जो उनकी नेतृत्व क्षमता को दर्शाता है। तेजस्वी यादव द्वारा दिए गए बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए जायसवाल ने कहा कि तेजस्वी यादव का यह कहना कि नीतीश कुमार को कोई हाईजैक कर सकता है, बहुत ही बचकानी बात है। उन्होंने कहा, “हमने कभी नहीं कहा कि लालू यादव को किसी ने हाईजैक किया है, फिर तेजस्वी इस तरह की बातें क्यों कर रहे हैं?” उन्होंने तेजस्वी को राजनीति में परिपक्वता दिखाने की सलाह दी और कहा कि इस तरह की बयानबाजी उन्हें केवल छोटा दिखाती है। जायसवाल ने कहा कि इस प्रकार के बयान केवल राजनीति में अस्थिरता और भ्रम पैदा करने का काम करते हैं, जो जनता के हित में नहीं है। दिलीप जायसवाल ने अपने बयान में न केवल नीतीश कुमार के नेतृत्व की प्रशंसा की, बल्कि तेजस्वी यादव की राजनीति पर भी गंभीर सवाल उठाए। उनके अनुसार, नीतीश कुमार का महागठबंधन से अलग होना एक विचारशील निर्णय था, जो बिहार के विकास और सुशासन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। दूसरी ओर, तेजस्वी यादव पर उनके तीखे हमलों ने बिहार की राजनीति में फिर से उथल-पुथल पैदा कर दी है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बयानबाजी के बाद बिहार की राजनीतिक स्थिति किस दिशा में आगे बढ़ती है।

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